गहरा सकता है स्विस बैंक संकट, संसद ने 120 अरब डॉलर के पैकेज को किया खारिज

स्विट्जरलैंड की सरकार क्रेडिट सुइस को 120 अरब डॉलर से अधिक का राहत पैकेज देने का प्लान बना रही थी। मगर अब इस प्लान को झटका लगा है, क्योंकि वहां की संसद में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है।

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क्रेडिट सुइस संकट और गहराया

मुख्य बातें
  • क्रेडिट सुइस को नहीं मिलेगा 120 अरब डॉलर का राहत पैकेज
  • देश की संसद के निचले सदन ने खारिज किया प्रस्ताव
  • संसद के ऊपरी सदन ने इस बचाव पैकेज को हरी झंडी दिखा दी थी

Credit Suisse Crisis : स्विट्जरलैंड के बैंक क्रेडिट सुइस का संकट और गहरा सकता है। दरअसल स्विट्जरलैंड की संसद ने बुधवार को क्रेडिट सुइस के खिलाफ एक बड़ा फैसला किया है। सरकार क्रेडिट सुइस के यूबीएस के साथ विलय के लिए 109 बिलियन स्विस फ्रैंक (करीब 120.82 बिलियन डॉलर) की सहायता दे रही थी, जिसे वहां की संसद ने खारिज कर दिया। इससे बैंक को संभालने के प्लान पर निटेगिव असर पड़ेगा।

ऊपरी सदन ने दे दी थी मंजूरी

बता दें कि स्विट्जरलैंड की संसद के ऊपरी सदन ने इस बचाव पैकेज को हरी झंडी दिखा दी थी। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ऊपरी सदन सरकार के योगदान से सहमत था, पर संसद के निचले सदन और लार्जर चैंबर ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। मंगलवार को देर रात के सत्र में प्रस्तावों को खारिज किया गया। इससे ऊपरी सदन को फिर से नया समाधान खोजने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद एक समझौते की मांग के तहत ऊपरी सदन ने बुधवार सुबह प्रस्ताव में कुछ बदलाव किए, पर निचले सदन के सांसदों को वो भी ठीक नहीं लगे।

दोनों बार एक जैसा रहा नतीजा

निचले सदन में दोनों बार इस प्रस्ताव को 103 वोट (विपक्ष) और 71 वोट (पक्ष) से पास नहीं होने दिया गया। इस डील को सपोर्ट करने वाले सांसदों ने स्विट्जरलैंड की छवि को लेकर चिंता जाहिर की। हालांकि सरकार की प्रतिबद्धता को पलटा नहीं जा सकता, क्योंकि इसे आपातकालीन कानून का सपोर्ट हासिल है। पर ये वोट एक प्रतीकात्मक नाराजगी है, क्योंकि देश के विधान को दरकिनार करते हुए अधिकारियों ने इस पैकेज को तैयार किया था, जिससे कई राजनेता नाराज हुए।

क्या है पूरा मामला

क्रेडिट सुइस ने जब से आर्कगोस कैपिटल मैनेजमेंट में निवेश किया है, तब से लगातार घाटा झेल रहा है। इसी से इसकी वित्तीय स्थिति लगातार खराब होती गई है। बैंक की क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप्स (सीडीएस) की लागत बढ़ी। इससे निवेशकों ने इसके खूब शेयर बेचे थे। बता दें कि सीडीएस से बैंकों की स्थिति मापी जाती है। अगर ये अधिक हो जाए तो बैंक के डूबने की आशंका बन जाती है।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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