CRISIL की भविष्यवाणी, 2031 तक भारत की इकोनॉमी होगी 7 ट्रिलियन डॉलर, हो जाएगा अपर मिडिल इनकम वाला देश

Indian Economy Growth: क्रिसिल की इंडिया आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया कि अगले सात वित्तीय वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंचने का अनुमान है। भारत अपर मिडिल इनकम वाला देश हो जाएगा।

Indian Economy Growth

अगले सात साल में भारतीय अर्थव्यवस्था में होगी जबरदस्त उछाल

Indian Economy Growth: भारत की अर्थव्यवस्था सतत विकास के लिए तैयार है। जिसमें आगामी वित्तीय वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6.8% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। क्रिसिल का हवाला देते हुए ईटी की एक रिपोर्ट में कहा कि भारत को 2031 तक अपर मिडिल इनकम वाले देश का दर्जा प्राप्त करने का स्टेटस रखता है। साथ ही कहा कि अर्थव्यवस्था दोगुनी होकर 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है। क्रिसिल इंडिया आउटलुक रिपोर्ट भारत की आर्थिक प्रगति का समर्थन करने में घरेलू स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स और साइकलिकल फेक्टर्स की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है। क्रिसिल का अनुमान है कि भारत संभावित रूप से विकास की उम्मीदों को पार कर जाएगा। जिसका लक्ष्य 2031 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था स्टेटस को सुरक्षित करना है।

अगले 7 वर्षों में 7 ट्रिलियन इकोनॉमी होने का अनुमान

क्रिसिल की इंडिया आउटलुक रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2025 के लिए 6.8% की मध्यम जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। जो इस वित्तीय वर्ष में 7.6% उम्मीद से बेहतर वृद्धि का अनुमान है। रिपोर्ट में अगले सात वित्तीय वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का आंकड़ा पार करने और 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंचने की कल्पना की गई है। इस अनुमानित विस्तार से भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा मिलने की उम्मीद है, जिसमें प्रति व्यक्ति आय 2031 तक अपर मिडिल इनकम कैटेगरी तक पहुंच जाएगी।

2031 तक प्रति व्यक्ति आय होगी 4500 डॉलर

वर्तमान में भारत 3.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आकार के मामले में विश्व स्तर पर 5वें स्थान पर है। क्रिसिल का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2031 तक भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़कर 6.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाएगी, जो अपर मिडिल इनकम वाले देशों के क्लब में प्रवेश करेगी। प्रति व्यक्ति आय 4,500 अमेरिकी डॉलर तक बढ़ जाएगी।

मील का पत्थर साबित होगी घरेलू खपत

क्रिसिल के मैनेजिंग एडिटर और सीईओ अमीश मेहता भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि घरेलू खपत के लिए इस मील के पत्थर के महत्व पर जोर देते हैं। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को उच्च क्षमता उपयोग, ग्लोबल सप्लाई चेन डायवर्सिफिकेशन के अवसरों, बुनियादी ढांचे के निवेश, हरित-ट्रांजिशन अनिवार्यता और मजबूत लोनदाता बैलेंस शीट से लाभ होगा।

चुनौतियां भी हैं

हालांकि रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि आगे चुनौतियां भी हैं, जिनमें भू-राजनीति, असमान ग्लोबल रिकवरी से संभावित विकास मंदी, जलवायु परिवर्तन और तकनीकी व्यवधान जैसी निकट और मध्यम अवधि की बाधाएं शामिल हैं। इन चुनौतियों के बावजूद इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन और ऊर्जा संक्रमण-गहन उद्योग जैसे उभरते क्षेत्र तेजी से बढ़ रहे हैं। जो वित्तीय वर्ष 2023 और 2024 में बढ़ते पूंजीगत व्यय का 16% है।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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