Crisil Report On Cement Sector: सीमेंट सेक्टर लगाएगा लंबी छलांग, बढ़ेगी 15-16 करोड़ टन क्षमता

Crisil Report On Cement Sector: मोदी सरकार का जिस तरह इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस है, उसे देखते हुए बजट में बड़ा बूस्ट मिलने की तैयारी है। और अगर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सड़कों, हवाई अड्डों, पीएम आवास, ग्रामीण विकास पर फोकस करती हैं, तो उसका सीधा फायदा सीमेंट उद्योग को मिलेगा।

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Crisil Report On Cement Sector:बुनियादी ढांचा और आवास क्षेत्र की बढ़ती मांग के चलते सीमेंट उद्योग वित्त वर्ष 2024-25 से 2027-28 के बीच 15-16 करोड़ टन की क्षमता जोड़ सकता है।क्रिसिल रेटिंग्स ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।रिपोर्ट में कहा गया कि क्षमता वृद्धि बढ़ती मांग को पूरा करने के साथ ही अत्यधिक प्रतिस्पर्धी उद्योग में बाजार हिस्सेदारी को मजबूत करने के लिए भी की जाएगी।सीमेंट की मांग वित्त वर्ष 2021-22 में आठ प्रतिशत और 2022-23 में 12 प्रतिशत बढ़ी थी।अगले वित्त वर्ष में 7-7.5 करोड़ टन अतिरिक्त क्षमता के जुड़ने की उम्मीद है। इनमें 50-55 प्रतिशत पूर्वी और मध्य क्षेत्रों से होगा।

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बड़े कॉरपोरेट का फोकस

रिपोर्ट में कहा गया कि योजनाबद्ध क्षमता वृद्धि में बड़े कॉरपोरेट की हिस्सेदारी 50-55 प्रतिशत होगी। बढ़ती आपूर्ति और कड़ी प्रतिस्पर्धा से मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगेगा, लेकिन लागत में नरमी से मार्जिन अच्छा बना रहेगा।पिछले दो वित्त वर्ष में मजबूत मांग ने बड़ी सीमेंट कंपनियों और मजबूत बाजार उपस्थिति वाली कुछ मध्यम आकार की कंपनियों को मजबूत किया है। ऐसे में उन्होंने क्षमता विस्तार की योजना बनाई है।

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बजट से मिलेगा बूस्ट

मोदी सरकार का जिस तरह इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस है, उसे देखते हुए बजट में बड़ा बूस्ट मिलने की तैयारी है। और अगर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सड़कों, हवाई अड्डों, पीएम आवास, ग्रामीण विकास पर फोकस करती हैं, तो उसका सीधा फायदा सीमेंट उद्योग को मिलेगा। ऐसे में सीमेंट सेक्टर न केवल अपनी क्षमता में विस्तार करेगा बल्कि ज्यादा से ज्यादा बड़ी कंपनियां फोकस बढ़ाएगी।

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