Crude Oil Price: अगस्त के बाद पहली बार क्रूड ऑयल 80 डॉलर के पाार, मिडिल ईस्ट में बढ़ा संघर्ष तो कीमतों में लगेगी 'आग' !

Crude Oil Price: 1 अक्टूबर को ईरान की तरफ से इजरायल पर मिसाइल दागे जाने के बाद से तेल की कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे यह चिंता बढ़ गई है कि इजरायल की प्रतिक्रिया तेहरान के तेल इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाएगी।

Crude Oil Price Rises

कच्चे तेल की कीमत बढ़ी

मुख्य बातें
  • क्रूड ऑयल के दाम बढ़े
  • 80 डॉलर के पार पहुंचे
  • अगस्त के बाद पहली बार हुआ ऐसान
Crude Oil Price: निवेशक अपने पोर्टफोलियो की स्थिति का रीवैल्यूएशन कर रहे हैं और एफआईआई (विदेशी निवेशक) लगातार पैसा निकाल रहे हैं। उधर मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ रहे हैं, जिससे तेल की कीमतों में उछाल आया है। तेल की कीमत बढ़ने से भारतीय बाजार और घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए एक नई चुनौती सामने आ गई है। मिडिल ईस्ट में बड़े युद्ध की आशंका के कारण सोमवार को तेल की कीमतों में हाल ही में हुई बढ़ोतरी जारी रही। अगस्त के बाद पहली बार ब्रेंट ऑयल वायदा 3 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 80 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया। वहीं यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट वायदा 3.50 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 77.14 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया।
ये भी पढ़ें -

कितना महंगा हुआ कच्चा तेल

पिछले सप्ताह ब्रेंट में 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई और WTI में 9 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई, जो एक वर्ष से ज्यादा समय में सबसे अधिक साप्ताहिक बढ़ोतरी है। 1 अक्टूबर को ईरान की तरफ से इजरायल पर मिसाइल दागे जाने के बाद से तेल की कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे यह चिंता बढ़ गई है कि इजरायल की प्रतिक्रिया तेहरान के तेल इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाएगी।

और बढ़ सकते हैं दाम

ईटी नाउ की रिपोर्ट के अनुसार शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के रिसर्च एनालिस्ट मोहम्मद इमरान के मुताबिक कच्चे तेल की कीमतों में शॉर्ट टर्म में रिस्क प्रीमियम अंतर्निहित रहेगा और इजरायल द्वारा ईरान के खिलाफ किसी भी बड़े जवाबी हमले से तेल की कीमतों में तेजी आ सकती है।

भारत आयात पर निर्भर

भारत अपनी तेल जरूरतों के लिए आयात पर काफी निर्भर है। भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 80 प्रतिशत से अधिक आयात करता है। समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत इस समय रूस, इराक, सऊदी अरब, अबू धाबी और अमेरिका सहित लगभग 40 देशों से तेल आयात करता है।
यदि मिडिल ईस्ट में संघर्ष बढ़ता है और प्रमुख सप्लाई रूट, जैसे होर्मुज की खाड़ी, जो वैश्विक तेल शिपमेंट के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है, को बाधित करता है, तो कच्चे तेल की कीमतें ऊंची रह सकती हैं।

भारत के लिए क्या है बड़ी समस्या

ईटी नाउ की रिपोर्ट के अनुसार एचपीसीएल के पूर्व अध्यक्ष एमके सुराना के मुताबिक भारत के लिए कच्चे तेल की सप्लाई कोई समस्या नहीं हो सकती, लेकिन कीमतों में उतार-चढ़ाव रहेगा, जिसमें फिलहाल तेजी और मासिक औसत कीमतें अधिक रहेंगी।
80 डॉलर से ऊपर के औसत कच्चे तेल की कीमतों में कोई भी वृद्धि केवल होर्मुज की खाड़ी जैसी रसद आपूर्ति लाइनों में गंभीर संघर्ष बढ़ने की स्थिति में ही अपेक्षित है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। बिजनेस (Business News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

लेटेस्ट न्यूज

काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited