अब बिटक्वाइन और दूसरी क्रिप्टो करंसी पर न करें ये गलती,दर्ज हो जाएगा मनी लॉन्ड्रिंग का केस

Crypto Transaction Come Under Money Laundering Law: अब भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देनी होगी। इसका फायदा यह होगा कि देश की सीमाओं के बाहर क्रिप्टो परिसंपत्तियों के ट्रांसफर करने पर निगरानी रखी जा सकेगी।

crypto PMLA

क्रिप्टो निवेशक हो जाएं सावधान

Crypto Transaction Come Under Money Laundering Law: बिटक्वाइन सहित दूसरी क्रिप्टो करंसी के लेन-देन से जुड़े लोगों की एक गलती उन पर काफी भारी पड़ सकती है। सरकार ने क्रिप्टो करंसी के जरिए होने वाले अवैध लेन-देन पर लगाम कसने के लिए,डिजिटल संपत्ति पर मनी लॉन्ड्रिंग कानून के प्रावधान लागू कर दिए हैं। सरकार द्वारा जारी किए गए गजट नोटिफिकेशन के अनुसार,मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कानून अब क्रिप्टो करंसी के लेन-देन पर भी लागू होंगे। यानी अब क्रिप्टो करंसी से जुड़ी परिसंपत्तियां मनी लॉन्ड्रिंग कानून-2002 के दायरे में आएंगी।
क्या है नया नियम
वित्त मंत्रालय ने गजट नोटिफिकेशन में कहा है कि भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देनी होगी। इसका फायदा यह होगा कि देश की सीमाओं के बाहर क्रिप्टो परिसंपत्तियों के ट्रांसफर करने पर निगरानी रखी जा सकेगी।इसके अलावा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के लेन-देने के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज और बिचौलियों से जुड़ी इकाइयों को अब अपने ग्राहकों और प्लेटफॉर्म के यूजर की KYC करना जरूरी होगा।
इसके अलावा VDAके रूप में काम करने वाली संस्थाओं को PMLA के तहत रिपोर्टिंग इकाई माना जाएगा। इसमें बैंक, वित्तीय संस्थान, ज्वेलरी सेक्टर,रियल एस्टेट और कैसीनो भी ‘रिपोर्टिंग संस्थाएं’मानी जाएंगी। इस कानून के तहत, प्रत्येक रिपोर्टिंग इकाई को सभी लेन देन का रिकॉर्ड बनाए रखना जरूरी होगा। और इसका उल्लंघन करने पर सीधे ED कार्रवाई कर सकेगी।
केवाईसी नियमों का जरूर पालन करें
ऐसे में क्रिप्टो कंरसी के लेन-देन में यूजर को केवाईसी नियमों का जरूरी पालन करना चाहिए। जिससे कि वह मनी लॉन्ड्रिंग कानून के उल्लंघन के दायरे में नहीं आए। आरबीआई कई बार क्रिप्टो करंसी के इस्तेमाल पर अलर्ट जारी कर चुका है। ऐसे में नए कानून के बाद, क्रिप्टो के जरिए अवैध लेन-देने करने वालों पर लगाम कस सकेगी।
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