10 साल में पहली बार भारत में कम हुआ करंसी का इस्तेमाल,2000 नोट वापसी का कमाल

Currency Circulation Decline After 10 Years: आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार अब तक करीब 97 फीसदी 2000 के नोट वापस आ गए हैं। और उसमें से करीब 86 फीसदी लोगों ने 2000 के नोट जमा कराए हैं। जबकि बाकी लोगों ने नोट एक्सचेंज कराए हैं। 19 मई 2023 तक देश में करीब 3.56 लाख करोड़ रुपये के 2000 के नोट मौजूद थे।

2000 rs note deadline

कैश का इस्तेमाल हुआ कम

Currency Circulation Decline After 10 Years: करीब 10 साल बाद ऐसा हुआ है कि देश में करंसी (नोट और सिक्कों) के यूज में कमी आई है। यह कमी साल 2023 की पहली छमाई में आई है। इसके लिए पहले करंसी के यूज में साल 2013 में कमी आई थी। करंसी के यूज में कमी आने की प्रमुख वजह 2000 के नोटों का जमा होना है। इसकी वजह से बड़ी संख्या में करंसी बैंकों के पास जमा हुई है। मार्च 2023 में करीब 33.78 लाख करोड़ की करंसी प्रचलन में ( CIC) थी। जो कि 22 सितंबर तक 75,558 करोड़ रुपये गिरकर 33.01 लाख करोड़ रुपये आ गया है। जबकि कोविड के दौरान यह अप्रैल-सितंबर की अवधि में 2.43 करोड़ रुपये हो गया था।

96 फीसदी नोट वापस आ गए

बिजनेस स्टैण्डर्ड द्वारा करंसी में गिरावट पर दी गई रिपोर्ट से साफ है कि इसकी एक बड़ी वजह आरबीआई का 19 मई को लिया गया फैसला है। जिसमें उसने 7 अक्टूबर तक 2000 के नोट बदलने या जमा करने के निर्देश दिए हैं। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार अब तक करीब 97 फीसदी 2000 के नोट वापस आ गए हैं। और उसमें से करीब 86 फीसदी लोगों ने 2000 के नोट जमा कराए हैं। जबकि बाकी लोगों ने नोट एक्सचेंज कराए हैं। 19 मई 2023 तक देश में करीब 3.56 लाख करोड़ रुपये के 2000 के नोट मौजूद थे।

डिजिटल ट्रांजैक्शन का असर

इसके अलावा डिजिटल ट्रांजैक्शन बढ़ने का भी असर हुआ है। इसकी वजह से कैश का इस्तेमाल कम हुआ है। खास तौर से जिस तरह यूपीआई ट्रांजैक्शन में तेजी आई है, उसकी वजह से कैश लेन-देन बेहद कम हुआ है। और यह बदलाव इसलिए भी हुआ है कि लोगों ने 2000 रुपये के नोट जमा करने के बाद कैश निकालने में कम करंसी वाले नोट का इस्तेमाल किया है।

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