DVC:तीन हिस्सों में बंटेगी दामोदर वैली कॉरपोरेशन, IPO पर भी विचार, जानें क्या है प्लान

DVC : डीवीसी पश्चिम बंगाल और झारखंड में एक एकीकृत प्रमुख बिजली कंपनी है। डीवीसी के कुल नौ थर्मल और हाइड्रो पॉवर प्लांट में से पांच झारखंड में और बाकी पश्चिम बंगाल में हैं। डीवीसी ने थर्मल और ग्रीन एनर्जी में लगभग 10,000 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता स्थापित करने की योजना बनाई है।

दामोदर वैली कॉरपोरेशन

DVC :देश की पहली बहुउद्देश्यीय नदी घाटी परियोजना दामोदर घाटी निगम (DVC) को कंपनी का रूप दिया जाएगा। इसकी दक्षता बढ़ाने के लिए कंपनी को ट्रांसमिशन, प्रोडक्शन और डिस्ट्रिब्यूशन क्षेत्र की इकाइयों में बांटा जाएगा। इसके अलावा कंपनी का आईपीओ लाने पर भी विचार किया जा रहा है। डीवीसी मुख्यालय में एक समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल ने कारोबार को अलग किये जाने के काम में तेजी लाने को कहा है।

क्या है प्लानिंग

डीवीसी के चेयरमैन एस सुरेश कुमार ने समीक्षा बैठक के बाद पीटीआई-भाषा से कहा कि कंपनी रूप देने की योजना एजेंडा में थी, लेकिन मंत्री इस प्रक्रिया में तेजी लाना चाहते हैं। केंद्र, पश्चिम बंगाल और झारखंड सरकारों के बीच मौजूदा हिस्सेदारी बरकरार रहेगी।एक सूत्र ने कहा कि इस मामले में केंद्र और दोनों राज्यों की राय लगभग एक जैसी है।
डीवीसी ने थर्मल और ग्रीन एनर्जी में लगभग 10,000 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता स्थापित करने की योजना बनाई है। इससे इसकी कुल स्थापित क्षमता लगभग 16,700 मेगावाट तक हो जाएगी।इसमें 3,720 मेगावाट ताप बिजली, 4,000 मेगावाट सौर ऊर्जा और 2,500 मेगावाट पंप स्टोरेज बिजली संयंत्र शामिल होगा।डीवीसी की वर्तमान स्थापित क्षमता लगभग 6,700 मेगावाट है। इसमें से 6,540 मेगावाट तापीय बिजली है।डीवीसी का कुल कैपिटल खर्च 50,000-60,000 करोड़ रुपये के बीच होने का अनुमान है।
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