भारतीय परिवारों का कर्ज दोगुना होकर हुआ 15.6 लाख करोड़ रु, बचत रह गई आधी

Savings And Loan of Indian Household: पिछले वित्त वर्ष में घरेलू बचत गिरकर जीडीपी के 5.1 प्रतिशत पर सिमट गई, जो पिछले पांच दशक में सबसे कम है। वित्त वर्ष 2020-21 में घरेलू बचत जीडीपी के 11.5 प्रतिशत के बराबर थी, जबकि महामारी से पहले 2019-20 में यह 7.6 प्रतिशत थी।

भारतीय परिवार की बचत घटी और लोन बढ़ा

मुख्य बातें
  • पिछले वित्त वर्ष में परिवारों की घरेलू बचत घटी
  • कर्ज में दर्ज की गई बढ़ोतरी
  • होम, शिक्षा और वाहन पर खर्च लोन का बड़ा हिस्सा खर्च

Savings And Loan of Indian Household: पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में परिवारों की शुद्ध वित्तीय बचत करीब 55 प्रतिशत गिरकर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 5.1 प्रतिशत पर आ गई। जबकि इन परिवारों पर कर्ज को बोझ दोगुना से भी अधिक होकर 15.6 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एसबीआई (SBI) की नई रिसर्च में ये खुलासा हुआ है।
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एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू बचत का एक बड़ा हिस्सा फिजिकल एसेट्स में चला गया है। 7.1 लाख करोड़ रुपये का लोन होम लोन और अन्य रिटेल लोन के रूप में बैंकों से लिया गया है।
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