Defence Export of India: भारत का रक्षा निर्यात बढ़ने का अनुमान, अगले 5 सालों में रह सकती 20% सालाना ग्रोथ
Defence Export of India: डिफेंस सेक्टर को सरकार की 'मेक इन इंडिया' और उदार एफडीआई नियमों का भी फायदा मिलेगा। इससे डिफेंस सेक्टर में विदेशी निवेश आएगा और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ेगी। साथ ही सैन्य उपकरणों के निर्यात में बढ़त देखने को मिलेगी।
बढ़ेगा डिफेंस निर्यात
मुख्य बातें
- बढ़ेगा डिफेंस निर्यात
- 5 साल में होगी बढ़त
- 20% सालाना ग्रोथ का अनुमान
Defence Export of India: सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे सुधारों और निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी के कारण भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 24 से वित्त वर्ष 29 के बीच 20 प्रतिशत के चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ने का अनुमान है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई। केयरएज रेटिंग की रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय डिफेंस कंपनियां देश की रक्षा क्षमता बढ़ाने को तैयार है। भारत के डिफेंस सेक्टर में सरकारी और निजी क्षेत्र की संस्थाओं के बीच सहयोग ने हथियार और गोला-बारूद, एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स और नौसेना टेक्नोलॉजी में प्रगति को बढ़ावा दिया है।
ये भी पढ़ें -
'मेक इन इंडिया' और FDI नियमों का फायदा
रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी क्षेत्र की संस्थाएं, चाहे घरेलू हों या बहुराष्ट्रीय, रक्षा आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, जिसमें उन्हें अपनी इंजीनियरिंग और तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।
रिपोर्ट में बताया गया कि डिफेंस सेक्टर को सरकार की 'मेक इन इंडिया' और उदार एफडीआई नियमों का भी फायदा मिलेगा। इससे डिफेंस सेक्टर में विदेशी निवेश आएगा और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ेगी। साथ ही सैन्य उपकरणों के निर्यात में बढ़त देखने को मिलेगी।
भारत का डिफेंस बजट
हाल के वर्षों में भारत का डिफेंस बजट लगातार अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.90 से 2.8 प्रतिशत के बीच रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए, डिफेंस सेक्टर के लिए 6.22 लाख करोड़ रुपये का पर्याप्त आवंटन किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत ने वित्त वर्ष 25 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये के डिफेंस प्रोडक्शन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो वित्त वर्ष 29 तक लगभग 20 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर 3 लाख करोड़ रुपये (रक्षा मंत्रालय के अनुसार) होने की उम्मीद है, जो भारत की आत्मनिर्भर रक्षा महाशक्ति बनने की अपनी प्रतिबद्धता को दिखाता है।
विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर बहुत अधिक निर्भर
ऐतिहासिक रूप से भारत डिफेंस उपकरणों का शुद्ध आयातक रहा है, जो अपनी महत्वपूर्ण सैन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर बहुत अधिक निर्भर करता है। हालांकि, स्वदेशी डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए किए गए ठोस प्रयासों जैसे 'मेक इन इंडिया' और नीतिगत सुधारों के समर्थन से इसमें धीरे-धीरे बदलाव आ रहा हैं।
पिछले छह वर्षों में कितना बढ़ा
पिछले छह वर्षों में (वित्त वर्ष 24 तक) भारतीय रक्षा निर्यात लगभग 28 प्रतिशत के मजबूत सीएजीआर से बढ़ा है। भारत के रक्षा निर्यात में विमान, नौसेना प्रणाली, मिसाइल टेक्नोलॉजी और सैन्य हार्डवेयर जैसे विभिन्न उत्पाद शामिल हैं। (इनपुट - आईएएनएस)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। बिजनेस (Business News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
End of Article
काशिद हुसैन author
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited