दिल्ली में घर-जमीन की रजिस्ट्री पर भारी कंफ्यूजन, नए आदेश से लाखों लोगों की अटकी सांसे

Delhi RERA Rules And Property Registry Implication: दिल्ली में चुनिंदा मामलों को छोड़कर रजिस्ट्री ऑफिस में 17 नवंबर के बाद से रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। इसका खामियाजा उन लोगों को उठाना पड़ रहा है, जिन्होंने घर या जमीन तो खरीद ली , लेकिन उनका घर और जमीन साल 2016 मॉडल कानून के मानकों को पूरा नहीं करता है।

DELHI PROPERTY REGISTRATION

दिल्ली में लाखों प्रॉपर्टी पर कंफ्यूजन

Property Registry Stalled In Delhi:दिल्ली में लाखों मकान और जमीन मालिकों के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके घर और जमीन की वैधता पर ही सवाल उठ खड़ा हुआ है। दिल्ली सरकार की रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने जो आदेश जारी किया है, उसकी वजह से बड़ी संख्या में घर और जमीन की रजिस्ट्री बंद हो गई है।

आलम यह है कि दिल्ली में चुनिंदा मामलों को छोड़कर रजिस्ट्री ऑफिस में 17 नवंबर के बाद से रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। मकान मालिकों से लेकर रजिस्ट्री ऑफिस तक में कंफ्यूजन है। और इसका खामियाजा उन लोगों को उठाना पड़ रहा है, जिन्होंने घर या जमीन तो खरीद ली , लेकिन उनका घर और जमीन साल 2016 मॉडल कानून के मानकों को पूरा नहीं करता है। नया आदेश 15 सितंबर 2023 के बाद की संपत्तियों पर लागू होगा। इसलिए जिन प्लॉट पर घर बन गए हैं, उनका क्या होगा। यह सबसे बड़ा सवाल है..

17 नवंबर से रजिस्ट्री ठप

दिल्ली सरकार की रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के 11 सितंबर 2023 के आदेश को 17 नवंबर से लागू कर दिया गया है। इसके अनुसार केवल उन्ही जमीन और घरों की रजिस्ट्री हो सकेगी, जो रेरा के तय मानकों को पूरा कर सकते हैं। इसते तह 50 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनने वाली इमारत पर घर बनाने के नियमों को मॉडन कानून के अनुसार लागू कर दिया गया है।

अब 50 वर्ग मीटर में सिर्फ तीन मंजिल ही घर बनाए जा सकेंगे। हालांकि सबसे नीचे पार्किंग के फ्लोर को आवासीय यूनिट में नहीं गिना जाएगा। यानी कुल 4 मंजिल इमारत बन सकेगी। और 50 वर्ग मीटर के प्लॉट पर एक आवासीय यूनिट का मतलब एक कमरा, किचन और टॉयलेट होगा। साथ ही 50 वर्ग मीटर व अन्य में इस बात का भी जिक्र होना चाहिए कि भवन निर्माण में कितनी फीट तक नींव डाली जाए।

कच्ची कॉलोनियों को लेकर सबसे ज्यादा कंफ्यूजन

सबसे ज्यादा कंफ्यूजन अनधिकृत कॉलोनियों को लेकर है। क्योंकि दिल्ली में 1671 अनधिकृत कॉलोनियां हैं, जहां आज तक कोई भवन योजना स्वीकृत नहीं हुई है। और यहां पर लाखों फ्लैट है। इन क्षेत्रों में संपत्ति बिक्री खरीद कैसे होगी। इसके लेकर भी लोगों में कंफ्यूजन है। इसके अलावा अधिकृत कॉलोनियों में भी कई ऐसे निर्माण हो चुके हैं, जो साल 2016 मॉडल कानून के मानकों को पूरा नहीं करते हैं। अब उनकी रजिस्ट्री भी फंस गई है।

एरिया (वर्ग मीटर)कितने मंजिल की अनुमति
503
50 प्लस से 2504
250 प्लस से 7506
750 प्लस से 15009
1500 प्लस से 225012
2250 प्लस से 300015
3000 प्लस से 375018
3750 प्लस21

नोट- एरिया के आधार पर अधिकतम एरिया कवरेज और FAR अलग-अलग हो सकते हैं।

पॉवर ऑफ अटॉर्नी पर भी कंफ्यूजन

रिपोर्ट के अनुसार नए आदेश के बाद पॉवर ऑफ अटॉर्नी पर ली गई प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पर भी फिलहाल रोक लग गई है। इसके तहत केवल उन्हीं अधिकृत कॉलिनियों की प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री हो सकेगी, जो नियमों के अनुसार बनाए गए हैं।

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