Gold Loan: गोल्ड लोन की मांग में 50.4% की बढ़ोतरी, मुश्किल वक्त में सोना गिरवी रख रहे लोग या कोई और है वजह, समझिए यहां

Gold Loan: सोने की कीमतों में वृद्धि भी गोल्ड लोन की डिमांड बढ़ने में योगदान देती है। बैंकरों के अनुसार गोल्ड लोन में वृद्धि इसकी कीमतों में वृद्धि के कारण हो सकती है, जो उधारकर्ताओं को पुराने लोन्स को चुकाने और अधिक नए लोन प्राप्त करने का मौका देती है।

Demand for gold loan increased

गोल्ड लोन की मांग बढ़ी

मुख्य बातें
  • गोल्ड लोन की मांग बढ़ी
  • 50 फीसदी से अधिक इजाफा
  • कीमतें बढ़ना हो सकता है एक कारण

Gold Loan: वित्त वर्ष 2024-25 के पहले सात महीनों में (अप्रैल-अक्टूबर) सोने के आभूषणों पर लिए जाने वाले सिक्योर्ड बैंक लोन में 50.4% की जोरदार वृद्धि देखी गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, यह उछाल बाकी पर्सनल लोन कैटेगरियों के उलट है, जिनमें सिंगल डिजिट (9 फीसदी या इससे कम) की वृद्धि देखी गई। 18 अक्टूबर तक कुल बकाया गोल्ड लोन 1,54,282 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो मार्च 2024 में 1,02,562 करोड़ रुपये था। यह अक्टूबर 2023 में 13% की तुलना में साल-दर-साल 56% की वृद्धि है।

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किन वजहों से बढ़ी गोल्ड लोन की डिमांड

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार बैंकर्स इस ग्रोथ का श्रेय कई फैक्टर्स को दे रहे हैं, जिसमें नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) से बैंकों का रुख करने वाले उधारकर्ता और अनसिक्योर्ड लोन की तुलना में सिक्योर्ड लोन को प्राथमिकता देना शामिल है। इस दौरान एनबीएफसी को बैंक लोन 0.7% घटकर 1.5 लाख करोड़ रुपये रह गया है।

सोने की कीमतों में वृद्धि भी हो सकती है एक कारण

सोने की कीमतों में वृद्धि भी गोल्ड लोन की डिमांड बढ़ने में योगदान देती है। बैंकरों के अनुसार गोल्ड लोन में वृद्धि इसकी कीमतों में वृद्धि के कारण हो सकती है, जो उधारकर्ताओं को पुराने लोन्स को चुकाने और अधिक नए लोन प्राप्त करने का मौका देती है। कुछ एनालिस्ट्स का सुझाव है कि सोने के लोन की यह बढ़ी हुई मांग उधारकर्ताओं के लिए वित्तीय कठिनाई या चुनौतियों का संकेत देती है।

RBI ने की सख्ती

लोन देने के तरीके के बारे में चिंताओं के जवाब में, RBI ने हाल ही में बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को अपनी गोल्ड लोन पॉलिसी की समीक्षा करने का निर्देश दिया, जिसमें तीन महीने के भीतर सुधार अनिवार्य किया गया है। यह RBI की समीक्षा के बाद हुआ है जिसमें बैड लोन्स को छिपाने जैसी अनियमितताओं का पता चला है।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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