India Demat Accounts 2024: भारत में हर साल खुल रहे 30 मिलियन नए डीमैट खाते, महिला निवेशकों का योगदान बढ़ा
India stock market 2024: वित्त वर्ष 2024 में भारत में डीमैट खातों की संख्या 150 मिलियन को पार कर गई है, जिसमें से 92 मिलियन एनएसई पर यूनिक इंवेस्टर्स हैं। जबकि 2014 में यह संख्या केवल 22 मिलियन थी।
डीमैट।
India stock market 2024: भारत में पूंजी बाजार का उपयोग बढ़ते हुए देखा जा रहा है, और इसमें निवेशकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 से हर साल 30 मिलियन नए डीमैट खाते खुल रहे हैं, और अब इनमें से लगभग हर चार में से एक निवेशक महिला हैं। यह निवेश के वित्तीयकरण को बढ़ावा देने और पूंजी बाजार में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
भारत में डीमैट खातों की संख्या में हुई बढ़ोतरी
एसबीआई के आर्थिक अनुसंधान विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में भारत में डीमैट खातों की संख्या 150 मिलियन को पार कर गई है, जिसमें से 92 मिलियन एनएसई पर यूनिक इंवेस्टर्स हैं। जबकि 2014 में यह संख्या केवल 22 मिलियन थी।
एसबीआई के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्या कांति घोष ने बताया कि इस साल नए डीमैट खातों की संख्या 40 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है।
महिला निवेशकों की बढ़ती हिस्सेदारी
एसबीआई की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि महिलाओं की हिस्सेदारी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वित्त वर्ष 2025 तक कुल डीमैट खातों में महिलाओं की हिस्सेदारी राष्ट्रीय स्तर पर औसतन 23.9 प्रतिशत हो गई है। दिल्ली, महाराष्ट्र, और तमिलनाडु जैसे राज्य इस मामले में सबसे आगे हैं, जबकि कुछ अन्य राज्यों में यह आंकड़ा 20 प्रतिशत से कम है।
युवा निवेशकों की बढ़ती संख्या
रिपोर्ट के अनुसार, 30 वर्ष से कम आयु के निवेशकों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है, जो तकनीकी प्रगति, कम ट्रेडिंग लागत, और सूचना तक बढ़ती पहुंच के कारण संभव हुआ है। यह निवेशकों के बीच पूंजी बाजारों की ओर बढ़ता रुझान दिखाता है।
एसआईपी और फंड जुटाने में बढ़ोतरी
वित्त वर्ष 2018 से अब तक एसआईपी (सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान) में चार गुना बढ़ोतरी हुई है और अब यह 4.8 करोड़ तक पहुंच गया है, जिससे एसआईपी योगदान 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
पिछले 10 वर्षों में भारतीय कंपनियों द्वारा पूंजी बाजारों से जुटाए गए फंड में 10 गुना बढ़ोतरी हुई है, जो 2014 में 12,068 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में अक्टूबर तक 1.21 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
शेयरों और डिबेंचर में निवेश में बढ़ोतरी
वित्त वर्ष 2024 में शेयरों और डिबेंचर में परिवारों की बचत जीडीपी के 1 प्रतिशत तक बढ़ गई है, जो 2014 में 0.2 प्रतिशत थी। घरेलू वित्तीय बचत में इसकी हिस्सेदारी 1 प्रतिशत से बढ़कर 5 प्रतिशत हो गई है।
एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय पूंजी बाजार में निवेशकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, खासकर महिलाओं और युवाओं के बीच। इसके अलावा, भारत में डीमैट खातों की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी हुई है, जो पूंजी बाजारों के प्रति बढ़ते विश्वास और समझ को दर्शाता है।
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