टैरिफ पर ट्रंप से टकराव नहीं चाहता भारत, नुकसान के बावजूद पलटवार नहीं करेगा, इस प्लान पर बढ़ रहा आगे

Trump Tarrif War : बीते दो अप्रैल को ट्रंप ने नए टैरिफ दरों की घोषणा की। तीन अप्रैल से ये दर लागू भी हो गए। अमेरिका पहुंचने वाले भारतीय उत्पादों पर ट्रंप ने 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। यानी कि अमेरिका में भारतीय सामान और महंगे हो जाएंगे। ट्रंप की इस घोषणा के बाद दुनिया में एक नया 'टैरिफ वार' शुरू हो गया है। कई देशों ने पलटवार करते हुए अमेरिका उत्पादों पर अपना टैरिफ बढ़ा दिया है।

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भारत-अमेरिका के बीच हो सकता है द्विपक्षीय व्यापार समझौता।

Trump Tarrif War : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी टैरिफ के बाद दुनिया भर के बाजारों में हाहाकार मचा हुआ है। यूरोप से लेकर एशिया तक के शेयर बाजार लगातार टूट रहे हैं और इससे निवेशकों का अब तक लाखों करोड़ का नुकसान हो गया है। एक्सपर्ट का मानना है कि टैरिफ की मार से दुनिया के शेयर बाजारों में भारी गिरावट का दौर आगे भी जारी रहेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस फैसले से नाखुश देश पलटवार भी कर रहे हैं। चीन जैसे देशों ने अमेरिका पर जवाबी ट्रैफिक लगाया है लेकिन भारत टैरिफ के इस वार-पलटवार से दूर कर लिया है। वह अमेरिका के साथ बीच का रास्ता निकालकर अपना आर्थिक नुकसान कम से कम करना चाहता है।

टैरिफ पर अमेरिका से टकराव नहीं चाहता भारत

बीते दो अप्रैल को ट्रंप ने नए टैरिफ दरों की घोषणा की। तीन अप्रैल से ये दर लागू भी हो गए। अमेरिका पहुंचने वाले भारतीय उत्पादों पर ट्रंप ने 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। यानी कि अमेरिका में भारतीय सामान और महंगे हो जाएंगे। ट्रंप की इस घोषणा के बाद दुनिया में एक नया 'टैरिफ वार' शुरू हो गया है। कई देशों ने पलटवार करते हुए अमेरिका उत्पादों पर अपना टैरिफ बढ़ा दिया है लेकिन जहां तक भारत की बात है तो टैरिफ पर नई दिल्ली टकराव नहीं चाहता। रॉयटर्स की रिपोर्ट में सरकार के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि भारत की अमेरिका पर टैरिफ लगाने की कोई योजना नहीं है बल्कि वह जल्द से जल्द अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना चाहता है।

चीन, वियतमान, इंडोनेशिया की तुलना में भारत पर कम टैरिफ

रिपोर्ट में एक दूसरे अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि व्यापार समझौते पर अमेरिका के साथ बातचीत करने वाले देशों में भारत अग्रणी है। यह भारत को राहत देने वाला है। दूसरी बात एशिया की अन्य बड़े अर्थव्यवस्था वाले देशों की तुलना में भारत पर कम टैरिफ लगा है। ट्रंप ने चीन पर 34 प्रतिशत, वियतनाम पर 46 और इंडोनेशिया पर 32 फीसद टैरिफ लगाया है। जाहिर है कि इन देशों के तुलना में भारतीय उत्पाद अमेरिका में सस्ते मिलेंगे। एशिया के देशों में चीन टैरिफ को लेकर अमेरिका पर आक्रामक है लेकिन बाकी देशों ने अपना टैरिफ कम करने का संकेत दिया है।

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10 अप्रैल से अमेरिकी उत्पादों पर 34% टैरिफ लगाएगा चीन

चीन ने जवाबी करते हुए अमेरिका से आने वाले सभी उत्पादों पर 34 फीसद टैरिफ लगाया है। यह टैरिफ 10 अप्रैल से लागू हो जाएगा। वहीं, वियतनाम ने एक संभावित व्यापार समझौते के तहत अपना टैरिफ शून्य करने की बात कह चुका है। भारत के लिए राहत की एक बड़ी बात यह भी है कि ट्रंप ने टैरिफ के दायरे से सेमीकंडक्टर्स, कॉपर और दवाओं को बाहर रखा है। खासकर भारत बड़ी मात्रा में दवाएं अमेरिका भेजता है। अमेरिका जितनी जेनरिक दवाएं मंगाता है, उसमें से आधा निर्यात भारत करता है। हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि ट्रंप के इस टैरिफ से भारत के इलेक्ट्रानिक, ऑटो पार्ट्स, रत्न एवं आभूषण सेक्टर प्रभावित हो सकते हैं।

BTA को अंतिम रूप देने के करीब है भारत-अमेरिका

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत में काफी प्रगति हो चुकी है। दोनों देश 'टर्म्स ऑफ रेफरेंस' पर सहमत हो गए हैं। इस बीच, भारत ने अमेरिकी व्हिस्की और हार्ले-डेविडसन बाइक पर आयात शुल्क 50 से 40 प्रतिशत कम करते हुए टैरिफ पर ट्रंप की नाराजगी दूर करने की कोशिश की है। भात ने अमेरिकी टेक कंपनियों को प्रभावित करने वाले डिजिटल टैक्स यानी 'गूगल टैक्स' में भी कमी की है।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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