Indian Economy: सुस्त ग्लोबल ग्रोथ ट्रेंड के बावजूद भारत का प्रदर्शन शानदार, GDP ग्रोथ अनुमानों में बढ़ोतरी

Indian Economy: भारत की अर्थव्यवस्था ने चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल के बावजूद लगातार खपत और निवेश मांग के सपोर्ट से पिछले साल मजबूत वृद्धि दर्ज की है। 2022 में वैश्विक लेनदेन में 46 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ भारत का वैश्विक स्तर पर डिजिटल लेनदेन सबसे अधिक रहा। उन्होंने कहा कि मार्च 2024 में मासिक लेनदेन 13.44 अरब था, जिसकी कुल राशि 19780 अरब रुपये हो गई।

Indian Economy & GDP

ग्रोथ के मामले में भारत का प्रदर्शन शानदार

मुख्य बातें
  • भारत का प्रदर्शन शानदार
  • आर्थिक मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन
  • GDP ग्रोथ अनुमानों में इजाफा

Indian Economy: भारत की अर्थव्यवस्था ने चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल के बावजूद लगातार खपत और निवेश मांग के सपोर्ट से पिछले साल मजबूत वृद्धि दर्ज की है। भारत के आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने वर्ल्ड बैंक कमिटी को बताया कि वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान जिसे दूसरे अग्रिम अनुमान में 7.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.6 प्रतिशत कर दिया गया है, भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थायी ताकत और जुझारूपन को दर्शाता है। सेठ ने कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 की लगातार तीन तिमाहियों में आठ प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की है, जो सुस्त वैश्विक वृद्धि रुझानों के बीच एक उसकी दमदार स्थिति की पुष्टि करता है।

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कई एजेंसियों ने विकास दर में किया संशोधन

सेठ के मुताबिक इसी तरह की राय विभिन्न एजेंसियों द्वारा व्यक्त की गई है जिन्होंने भारत के वित्त वर्ष 2023-24 के वृद्धि अनुमान को आठ प्रतिशत के करीब संशोधित किया है। निरंतर विकास की राह में सुधार और निवेश पर भारत का एक्टिव रुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक स्टैंडर्ड स्थापित करता है।

प्राइवेट इंवेस्टमेंट में तेजी

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की एक बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इस बार आधिकारिक स्तर पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मौजूदा लोकसभा चुनाव के कारण इस वार्षिक सभा में हिस्सा नहीं ले रही हैं।

सेठ ने विकास समिति को बताया कि कैपिटल एक्सपेंडिचर पर भारत के जोर से निजी निवेश जारी रहा, जिसके नतीजे में स्थिर कीमतों पर सकल स्थिर पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) में वृद्धि हुई और वित्त वर्ष 2023-24 में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की गई।

डिजिटल लेनदेन रहा सबसे अधिक

सेठ ने इस बात पर भी जोर दिया कि 2022 में वैश्विक लेनदेन में 46 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ भारत का वैश्विक स्तर पर डिजिटल लेनदेन सबसे अधिक रहा। उन्होंने कहा कि मार्च 2024 में मासिक लेनदेन 13.44 अरब था, जिसकी कुल राशि 19780 अरब रुपये हो गई।

सेठ ने विकास समिति को बताया कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भारत की निरंतर वृद्धि के अनुरूप भारतीय पूंजी बाजार वित्त वर्ष 2023-24 में उभरते बाजारों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले बाजारों में से एक बना हुआ है।

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काशिद हुसैन author

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