DHFL Bank Fraud Case: धीरज वधावन को CBI ने किया गिरफ्तार, 34000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप

DHFL Bank Fraud Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को 34,000 करोड़ रुपए डीएचएफएल बैंक धोखाधड़ी जांच में धीरज वधावन को गिरफ्तार किया। धीरज वधावन को पहले एजेंसी ने यस बैंक भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया था और वह जमानत पर थे।

डीएचएफएल बैंक धोखाधड़ी केस में धीरज वधावन गिरफ्तार

DHFL Bank Fraud Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को 34,000 करोड़ रुपए डीएचएफएल बैंक धोखाधड़ी जांच में धीरज वधावन (Dheeraj Wadhawan) को गिरफ्तार किया। वधावन पर 2022 में मामले के संबंध में केंद्रीय एजेंसी द्वारा पहले ही आरोप पत्र दायर किया गया था। धीरज वधावन को पहले एजेंसी ने यस बैंक भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया था और वह जमानत पर थे। सीबीआई ने 17 बैंकों के कंसोर्टियम से 34,000 करोड़ रुपए की कथित धोखाधड़ी से संबंधित DHFL मामला दर्ज किया था, जिससे यह देश में सबसे बड़ा बैंकिंग लोन धोखाधड़ी बन गया।

इस साल फरवरी में भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 22 लाख रुपए का बकाया वसूलने के लिए पूर्व डीएचएफएल प्रमोटरों धीरज और कपिल वधावन के बैंक खातों के साथ-साथ शेयरों और म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स को कुर्क करने का आदेश दिया था। बाजार नियामक का यह कदम वधावन बंधुओं द्वारा प्रकटीकरण मानदंडों के उल्लंघन से संबंधित एक मामले में पिछले साल जुलाई में उन पर लगाए गए जुर्माने का भुगतान करने में विफल रहने के बाद आया है। प्रत्येक वधावन पर 10.6 लाख रुपए की पेंडिग बकाया राशि में प्रारंभिक जुर्माना राशि ब्याज और वसूली लागत शामिल है।

जुलाई 2023 में नियामक ने प्रकटीकरण मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए वधावन, जो डीएचएफएल (जिसे अब पीरामल फाइनेंस के नाम से जाना जाता है) के प्रमोटर थे, लेकिन प्रत्येक पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। कपिल वधावन डीएचएफएल के अध्यक्ष और एमडी थे जबकि धीरज वधावन कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक थे। ये दोनों DHFL के बोर्ड में थे।

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