DHLF Bank Fraud: कौन है धीरज वधावन? जिसने विजय माल्या और नीरव मोदी से भी किया बड़ा बैंक फ्रॉड

Who Is Dheeraj Wadhawan: पीएनबी के बाद डीएचएलएफ (DHFL) बैंक फ्रॉड सामने आया। सीबीआई ने इस घोटाले के लिए धीरज वधावन (Dheeraj Wadhawan) को गिरफ्तार किया। यह विजय माल्या, नीरव मोदी के बैंक घोटाले से भी बड़ा घोटाला है। आइए जानते हैं धीरज वधावन कौन है।

DHLF Bank Fraud के सबसे बड़े आरोपी धीरज वधावन

Who Is Dheeraj Wadhawan: पीएनबी के बाद डीएचएलएफ (DHFL) बैंक फ्रॉड (Bank Fraud) सामने आया है। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 34000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी को लेकर डीएचएफएल बैंक के पूर्व प्रमोटर धीरज वधावन (Dheeraj Wadhawan) को गिरफ्तार किया। इसने बैंक फ्रॉड के मामले में विजय माल्या और नीरव मोदी को भी पीछे छोड दिया है। सीबीआई ने धीरज और उनके भाई कपिल वधावन के खिलाफ 34000 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने देश के बैंकों से करीब 9900 करोड़ फ्रॉड करके भाग गया है। नीरव मोदी ने पीएनबी बैंक से 14000 करोड़ रुपए चूना लगाकर देश से भाग गया। इन दो बैंक फ्रॉड से भी बड़ा है डीएचएलएफ (DHFL) बैंक फ्रॉड। यह देश का सबसे बड़ा बैंक घोटाला साबित हो सकता है।

कौन हैं धीरज वधावन

धीरज वधावन दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ( DHFL ) के प्रमोटर थे। ये डीएचएलएफ बैंक के टॉप मैनेजमेंट टीम में थे। धीरज के भाई कपिल वधावन (Kapil Wadhawan) बैंक के चेयरमैन और मैजनेजिंग डायरेक्टर थे। धीरज वधावन डायरेक्टर थे। वधावन ब्रदर्स ने कारोबारी सुधाकर शेट्टी और कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर बैंक धोखाधड़ी की साजिश रची थी। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के कंसोर्टियम से डीएचएफएल के नाम पर 42,871 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाएं हासिल की थीं। इसके बाद भाइयों ने डीएचएफएल से मिले पैसे को लोन के रूप में उनसे जुड़ी कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद डीएचएफएल ने कंसोर्टियम को 34,615 करोड़ रुपए का बकाया लोन नहीं चुकाया। धोखाधड़ी की गई कुल राशि में से वधावन बंधुओं ने कथित तौर पर लोन की आड़ में डीएचएफएल से 24,595 करोड़ रुपये निकालने के लिए उनसे जुड़ी 66 संस्थाओं या उनके सहयोगियों का इस्तेमाल किया। जिनमें से 11,909 करोड़ रुपए अभी भी बकाया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इसके अतिरिक्त DHFL बैंक ने 1,81,664 गैर-मौजूद व्यक्तियों के नाम पर 14000 करोड़ रुपए के झूठे लोन वितरित किए और उन रिकॉर्डों को 'बांद्रा बुक्स' के रूप में संदर्भित किया जो एनपीए में बदल गए। इस मामले में सीबीआई ने पहले वधावन के सहयोगी और गैंगस्टर छोटा शकील के कथित सहयोगी अजय नवांदर की तलाशी ली थी और उसके परिसर से 25 महंगी घड़ियों और कई करोड़ रुपए की पेंटिंग के साथ 45 लाख रुपए नकद बरामद किए थे। नवांदर कथित तौर पर वधावन के निर्देश पर एफ एन सूजा (1964) और एस एच रजा (1956) द्वारा बनाई गई पेंटिंग सहित पेंटिंग के लिए खरीदारों की तलाश कर रहे थे जब उन पर सीबीआई ने छापा मारा था। इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन पेंटिंग्स को अन्य संपत्तियों के साथ जब्त कर लिया। जिनकी कुल कीमत 70.4 करोड़ रुपये थी। यस बैंक, पीएमसी व अन्य मामलों में दोनों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ईडी कर रही है।

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