Direct Tax Collection: डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 22 फीसदी बढ़ा, जानें लोगों ने कितना दिया इनकम टैक्स

Direct Tax Collection: सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार , इस साल एक अप्रैल से 11 अगस्त के बीच 1.20 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो 33.49 प्रतिशत की वृद्धि है। इस तरह टोटल टैक्स कलेक्शन 24 प्रतिशत बढ़कर 8.13 लाख करोड़ रुपये रहा। कलेक्शन में 4.82 लाख करोड़ रुपये का पर्सनल इनकम टैक्स (पीआईटी) और 3.08 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट कर शामिल है।

डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में तेजी

Direct Tax Collection:चालू वित्त वर्ष में 11 अगस्त तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 22.48 प्रतिशत बढ़कर लगभग 6.93 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस कलेक्शन में 4.47 लाख करोड़ रुपये का पर्सनल इनकम टैक्स और 2.22 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन शामिल है। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। जबकि सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) से 21,599 करोड़ रुपये एकत्र हुए, जबकि अन्य करों से सरकार को 1,617 करोड़ रुपये की कमाई हुई है।

1.20 लाख करोड़ के रिफंड जारी

सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार , इस साल एक अप्रैल से 11 अगस्त के बीच 1.20 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो 33.49 प्रतिशत की वृद्धि है। इस तरह टोटल टैक्स कलेक्शन 24 प्रतिशत बढ़कर 8.13 लाख करोड़ रुपये रहा। कलेक्शन में 4.82 लाख करोड़ रुपये का पर्सनल इनकम टैक्स (पीआईटी) और 3.08 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट कर शामिल है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष करों से 22.07 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है।

इकोनॉमी के लिए बेहद अहम
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति वी सुब्रमण्यन ने सोमवार को कहा कि अगर केंद्र और राज्य सरकारों ने भारत की आर्थिक वृद्धि को आठ प्रतिशत तक ले जाने के लिए जरूरी नीतियां लागू कीं तो देश वर्ष 2047 तक 55 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है।सुब्रमण्यन ने यहां ‘इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस’ (आईएसबी) में अपनी पुस्तक ‘इंडिया ऐट 100’ के अनावरण पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि 55 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य दुस्साहसी लग सकता है लेकिन इसे हासिल किया जा सकता है।उन्होंने यह भी कहा कि भारत का निजी ऋण एवं सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुपात वर्ष 2020 में 58 प्रतिशत था, जो उन्नत अर्थव्यवस्थाओं से करीब छह दशक पीछे है और ये देश अब 200 प्रतिशत पर हैं।
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