UPI के जरिये करते हैं भुगतान? इन 8 टिप्स के जरिये धोखेबाजों से अपने पैसों को रखें सुरक्षित
UPI Payment Security Tips: डिजिटल लेनदेन लगातार बढ़ रही है। लेकिन इसके साथ-साथ धोखाधड़ी में भी इजाफा हुआ है। यहां जानिए 8 यूपीआई सुरक्षा टिप्स।
यूपीआई पेमेंट सुरक्षा टिप्स
UPI Payment Security Tips: डिजिटल लेनदेन लगातार बढ़ती जा रही है। लोग इस पर काफी निर्भर हो गए हैं। जिसकी वजह यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पैसे के लेनदेन के लिए एक लोकप्रिय और सुविधाजनक तरीका बन गया है। हालांकि डिजिटल लेनदेन सुविधा के साथ-साथ धोखाधड़ी के खतरे को भी लाती है। इसलिए डिजिटल लेनदेन करते समय सतर्क और एक्टिव रहना बहुत जरुरी है। आइए आपके बैंक आकाउंट को सुरक्षित रखने के लिए 8 यूपीआई सुरक्षा टिप्स पर गौर करें।
- पिन: कभी भी किसी को यूपीआई पिन, पासवर्ड या ओटीपी शेयर न करें। धोखेबाजों द्वारा बनाए गए फेक यूपीआई सोशल मीडिया हैंडल और नकली यूपीआई ऐप्स से सावधान रहें। अगर आप क्रेडेंशियल शेयर कर रहे हैं तो हमेशा डिटेल वेरिफाई करें। बीएलएस ई-सर्विसेज के चेयरमैन शिखर अग्रवाल ने कहा कि बैंक या सरकारी संस्थान कभी भी अपने कॉल सेंटर या अन्य स्रोत के जरिए यूपीआई क्रेडेंशियल नहीं मांगते हैं।
- वेरिफाई करें: अपने यूपीआई के माध्यम से किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जांच करने के लिए नियमित रूप से अपने लेनदेन डिटेल की जांच करते रहें। UPI का उपयोग करके केवल विश्वसनीय व्यक्तियों या वेरिफाई सर्विस के साथ लेनदेन करें। किसी भी संदिग्ध लेनदेन या यूपीआई धोखाधड़ी के मामले में किसी भी घटना की सूचना अपने बैंक और पुलिस सहित अन्य सक्षम अधिकारियों को दें। यूपीआई ऐप के ग्राहक सेवा को मामले की रिपोर्ट करने के लिए आरबीआई दिशानिर्देशों का भी पालन करें। अगर मामला नहीं सुलझता तो आरबीआई लोकपाल से संपर्क करें।
- पासवर्ड बदलना: 2-3 महीने के बाद पासवर्ड बदलें और फिशिंग प्रयासों के प्रति सतर्क रहें। हर कुछ महीनों में अपना पासवर्ड बदलने और सतर्क रहने से यूपीआई धोखाधड़ी का शिकार होने से बचा जा सकता है। वित्तीय सुरक्षा आपके हाथ में है और एक्टिव करना सुरक्षित डिजिटल भुगतान अनुभव की कुंजी है।
- प्रमाणीकरण: धोखाधड़ी वाले UPI लेनदेन के जोखिम को कम करने के लिए दो-फेक्टर प्रमाणीकरण (2FA) सक्षम करें। दो-फेक्टर प्रमाणीकरण एक पहचान और पहुंच प्रबंधन सुरक्षा पद्धति है जिसमें डेटा तक पहुंचने के लिए दो प्रकार की पहचान की आवश्यकता होती है।
- इनपुट: जब आप कोई लेनदेन करते हैं तो आपको पिन दर्ज करना होगा। सुनिश्चित करें कि आप ऐप के निर्दिष्ट पेज पर पिन या पासवर्ड दर्ज करें।
- स्कैन: हमेशा याद रखें कि क्यूआर कोड स्कैनिंग केवल भुगतान करने के लिए है, पैसे प्राप्त करने के लिए नहीं। आगे बढ़ने से पहले लेनदेन की वैधता सुनिश्चित करें।
- संदिग्ध लिंक: कभी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें क्योंकि धोखेबाज अक्सर संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी हासिल करने के लिए बैंक या प्राधिकरण के रूप में पेश आते हैं। लेन-देन से पहले भुगतानकर्ता का डिटेल वेरिफाई करें और अपरिचित प्लेटफार्मों पर व्यक्तिगत जानकारी शेटर करने से बचें।
- ईजीबज के सीटीओ अमित कुमार ने कहा कि किसी भी वेबसाइट पर लेनदेन करते समय सुनिश्चित करें कि यूआरएल "https://" से शुरू हो क्योंकि यह इंगित करता है कि वेबसाइट सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि बढ़ती धोखाधड़ी की रणनीति के बारे में जानना आपके बचाव को मजबूत करने की कुंजी है।
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