Housing Demand: रेपो रेट में बदलाव न होने से त्योहारों के दौरान मकानों की मांग बढ़ने की उम्मीद, जानें क्या कह रहे इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स
Housing Demand: रियल एस्टेट सेक्टर की टॉप बॉडी नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा है कि आरबीआई का रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का फैसला रियल एस्टेट सेक्टर को एक स्थिर माहौल देगा। स्थिर दरें हाउसिंग लोन को अधिक किफायती बनाती है, जिससे आगामी त्योहारों के दौरान आवास बाजार में मांग बढ़ने की संभावना है।
आवासीय मांग बढ़ सकती है
- रेपो रेट 6.5% पर बरकरार
- हाउसिंग डिमांड बढ़ने की उम्मीद
- त्योहारी सीजन में बढ़ेगी मांग
Housing Demand: जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों और एक्सपर्ट्स ने गुरुवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने से ब्याज के मोर्चे पर स्थिरता आएगी और इससे आगामी त्योहारों के दौरान मकानों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही कंपनियां स्थिर ब्याज दर के माहौल में नए प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने को प्रोत्साहित होंगी। आरबीआई ने गुरुवार को उम्मीद के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार नौवीं बार नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा।
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हाउसिंग सेक्टर में डिमांड बढ़ने की उम्मीद
रियल एस्टेट सेक्टर की टॉप बॉडी नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा है कि आरबीआई का रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का फैसला रियल एस्टेट सेक्टर को एक स्थिर माहौल देगा। स्थिर दरें हाउसिंग लोन को अधिक किफायती बनाती है, जिससे आगामी त्योहारों के दौरान आवास बाजार में मांग बढ़ने की संभावना है।
हरि बाबू ने कहा कि यह स्थिरता डेवलपरों को भरोसे के साथ नए प्रोजेक्ट्स पेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। आरबीआई का संतुलित नजरिया बाजार के विश्वास को बनाए रखने में मदद कर रहा है। यह वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों को आश्वस्त भी करेगा।
ग्राहकों में बढ़ेगा भरोसा
रियल एस्टेट से जुड़ी सेवाएं देने वाली सीबीआरई के चेयरमैन एवं सीईओ (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया व अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक का लगातार नौवीं बार रेपो दर को बरकरार रखने का फैसला मौद्रिक नीति के प्रति निरंतर सतर्क नजरिए को दर्शाता है। यह महंगाई के दबाव और मजबूत आर्थिक माहौल को बढ़ावा देने के आरबीआई के प्रयास को बताता है।
उन्होंने कहा रेपो रेट में बदलाव न करने से रियल एस्टेट सेक्टर में गति बने रहने की संभावना है। रेपो रेट में स्थिरता से बाजार को लाभ होने के साथ ग्राहकों के बीच भरोसा बढ़ेगा।
जीडीपी ग्रोथ का अनुमान
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और एमडी शिशिर बैजल ने कहा कि मुद्रास्फीति के दबाव को देखते हुए आज की मौद्रिक नीति घोषणा हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि यह फैसला लॉन्ग टर्म प्राइस स्टैबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए आरबीआई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
साथ ही लगातार आर्थिक वृद्धि के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देता है। कुछ हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर ग्रोथ में कुछ नरमी का संकेत देते हैं, यह उत्साहजनक है कि केंद्रीय बैंक को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 7.2 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि का भरोसा है। (इनपुट - भाषा)
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