Budget Expectations: रोजगार हो पहली प्राथमिकता, बैंक डिपॉजिट के ब्याज पर न लगे टैक्स-वित्ती मंत्री से ये हैं उम्मीदें

Budget Expectations: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने ब्याज आय पर कर राहत की वकालत की है।उन्होंने कहा कि इससे बैंकों को बचत जुटाने में मदद मिलेगी । वहीं प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने रोजगार के अवसर बढ़ाने की मांग की है।

BUDGET EXPECTATIONS

बजट से उम्मीदें

Budget Expectations:आगामी बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए रोगजार के नए अवसर पैदा होना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि 2024-25 के बजट में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ावा देने के अलावा रोजगार सृजन पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बुधवार को यहां बजट पूर्व परामर्श बैठक में भाग लेने वाले अर्थशास्त्रियों ने यह बात कही। बैठक के बाद स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है और सरकार को रोजगार सृजन पर ध्यान देना चाहिए।

वित्त मंत्री से ये कदम उठाने की मांग

बैठक में स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन, औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान (आईएसआईडी) के निदेशक और मुख्य कार्यकारी नागेश कुमार और टीसीए अनंत सहित अन्य लोग शामिल हुए।बैठक के बाद संवाददाताओं से महाजन ने कहा कि बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है और सरकार को रोजगार सृजन पर ध्यान देना चाहिए।उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में तेजी को देखते हुए उपभोग मांग कोई समस्या नहीं बनने जा रही हैनागेश ने कहा, “हमने विनिर्माण क्षेत्र को आगे बढ़ाने की जरूरत पर काफी चर्चा की।उन्होंने कहा कि बजट में एमएसएमई और कपड़ा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाना चाहिए।नागेश ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का दायरा बढ़ाने की वकालत की।

बैंकों में जमा पैसे के ब्याज पर खत्म हो इनकम टैक्स-SBI चेयरमैन

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने ब्याज आय पर कर राहत की वकालत की है।उन्होंने कहा कि इससे बैंकों को बचत जुटाने में मदद मिलेगी जिसका उपयोग दीर्घकालिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जा सकेगा। फिलहाल, बैंकों को तब कर काटना पड़ता है जब सभी बैंक शाखाओं में जमा राशि से ब्याज आय एक वर्ष में 40,000 रुपये से अधिक हो। बचत खातों के मामले में, 10,000 रुपये तक अर्जित ब्याज कर से मुक्त है।

खारा ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि अगर बजट में ब्याज आय पर कर के मामले में कुछ राहत दी जा सके तो यह जमाकर्ताओं के लिए एक प्रोत्साहन होगा। आखिरकार, बैंकिंग क्षेत्र देश में पूंजी निर्माण के लिए जुटाई गई जमा का उपयोग करता है।मौजूदा आर्थिक वृद्धि दर को देखते हुए एसबीआई चेयरमैन को वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 14-15 प्रतिशत ऋण वृद्धि की उम्मीद है।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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