Mahadev App : ED ने महादेव ऐप मामले में 580 करोड़ रु की संपत्ति जब्त की, दुबई में बैठा है आरोपी
Mahadev App Money Laundering: एजेंसी ने इस मामले में एक ‘हवाला कारोबारी’ हरि शंकर टिबरेवाल की पहचान की है जो कोलकाता का रहने वाला है लेकिन फिलहाल दुबई में रह रहा है। उन्होंने बताया कि ईडी ने टिबरेवाल और उसके सहयोगियों के परिसरों में छापे मारे हैं। ईडी का आरोप है कि टिबरेवाल ने महादेव ऐप के प्रवर्तकों के साथ साझेदारी की और वह एक कथित अवैध सट्टेबाजी ऐप ‘स्काईएक्सचेंज’ का मालिक और संचालक भी है।
महादेव ऐप में बड़ी कार्रवाई
हवाला कारोबारी की पहचान
सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने इस मामले में एक ‘हवाला कारोबारी’ हरि शंकर टिबरेवाल की पहचान की है जो कोलकाता का रहने वाला है लेकिन फिलहाल दुबई में रह रहा है। उन्होंने बताया कि ईडी ने टिबरेवाल और उसके सहयोगियों के परिसरों में छापे मारे हैं। ईडी का आरोप है कि टिबरेवाल ने महादेव ऐप के प्रवर्तकों के साथ साझेदारी की और वह एक कथित अवैध सट्टेबाजी ऐप ‘स्काईएक्सचेंज’ का मालिक और संचालक भी है।
ईडी का आरोप है, ‘‘वह (टिबरेवाल), दुबई स्थित अपनी कंपनियों के जरिये, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के माध्यम से भारतीय शेयर बाजार में सट्टेबाजी में निवेश कर रहा था। उसने अपने कई सहयोगियों को कई कंपनियों में निदेशक भी नियुक्त कर रखा था, जो शेयर बाजार में सट्टेबाजी में सहायता कर रहे थे।’’एजेंसी ने बताया कि टिबरेवाल सट्टेबाजी की रकम को बड़े पैमाने पर हवाला के जरिये दूसरी जगह भेजने में भी लिप्त था।
अब तक 9 की गिरफ्तारी
ईडी ने कहा कि इसलिए, टिबरेवाल के ‘‘लाभकारी स्वामित्व वाली’’ 580.78 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों को निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जब्त कर लिया है।सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान एजेंसी ने 1.86 करोड़ रुपये की नकदी और 1.78 करोड़ रुपये की कीमती वस्तुएं बरामद कीं।प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिफ्तार किया है।संघीय एजेंसी ने पहले कहा था कि ऐप द्वारा अर्जित कथित अवैध धन का इस्तेमाल छत्तीसगढ़ में नेताओं और नौकरशाहों को रिश्वत देने के लिए किया गया था। ऐप के मुख्य प्रवर्तक और संचालक छत्तीसगढ़ के ही हैं।
ईडी ने मामले में अब तक दो आरोप पत्र दाखिल किए हैं, जिनमें कथित अवैध सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप के दो मुख्य प्रवर्तकों सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ आरोप पत्र भी शामिल हैं। एजेंसी पहले भी, मामले में कई बार छापे मार चुकी है।एजेंसी ने कहा, ‘‘महादेव ऑनलाइन बुक की गतिविधियां दुबई से संचालित की जाती हैं और यह अपने ज्ञात सहयोगियों के जरिये 70--30 प्रतिशत लाभ के अनुपात पर काम करती है।’’ईडी के अनुसार, इस मामले में अपराध से लगभग 6,000 करोड़ रुपये अर्जित किये गए।
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