एलन मस्क इंसानों के ब्रेन में लगाएंगे चिप! अमेरिका में ट्रायल को मिली मंजूरी

Approval to Put Computer Chip in Human Brains: एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी न्यूरोलिंक को इंसानी दिमाग में चिप लगाकर टेस्टिंग करने का अप्रूवल मिल गया है।

Approval to Put Computer Chip in Human Brains:

एलन मस्क की कंपनी न्यूरोलिंक को मिला अप्रूवल

Approval to Put Computer Chip in Human Brains: एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी न्यूरोलिंक को इंसानी दिमाग में चिप लगाकर टेस्टिंग करने का अप्रूवल मिल गया है। मस्क ने यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह मंजूरी न्यूरालिंक के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिसे नियामक से मंजूरी मिलने में पहले चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।

नेत्रहीन और लकवाग्रस्थ लोगों को मिलेगी मदद

2019 से, मस्क ने न्यूरालिंक के ब्रेन इम्प्लांट के मानव परीक्षणों के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की थी, जिसमें लकवा और नेत्रहीन जैसी गंभीर स्थितियों को दूर करने की क्षमता पर बात की गई थी। यानि अगर यह ट्रायल कामयाब रहा तो चिप के जरिए ब्लाइंड इंसान भी देख सकेंगे। पैरालिसिस से पीड़ित मरीज सोचकर मोबाइल और कंप्यूटर ऑपरेट कर सकेंगे। मस्क ने न्यूरालिंक की टीम को इसके लिए बधाई दी।

न्यूरालिंक ने ट्विटर पर दी जानकारी

न्यूरालिंक ने ट्वीटर पर लिखा, 'हम यह शेयर करने के लिए उत्साहित हैं कि हमें अपनी पहली ह्यूमन क्लिनिकल स्टडी शुरू करने के लिए FDA का अप्रूवल मिल गया है। यह FDA के साथ क्लोज कोलेबोरेशन में न्यूरालिंक टीम के इंक्रेडिबल वर्क का रिजल्ट है। एक दिन हमारी तकनीक कई लोगों की मदद करेगी। हमारे क्लिनिकल ट्रायल के लिए रिक्रूटमेंट अभी ओपन नहीं हुआ है। हम जल्द ही इसकी जानकारी देंगे।'

फोन को सीधे ब्रेन से जोड़ेगा

न्यूरालिंक ने सिक्के के आकार का एक डिवाइस बनाया है। इसे लिंक नाम दिया गया है। ये डिवाइस कंप्यूटर, मोबाइल फोन या किसी अन्य उपकरण को ब्रेन एक्टिविटी (न्यूरल इम्पल्स) से सीधे कंट्रोल करने में सक्षम करता है। उदाहरण के लिए पैरालिसिस से पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क में चिप लगाने के बाद वह सिर्फ सोचकर माउस का कर्सर मूव कर सकेंगे।

कॉस्मैटिक रूप से अदृश्य चिप

न्यूरालिंक ने कहा, हम पूरी तरह से इम्प्लांटेबल, कॉस्मैटिक रूप से अदृश्य ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस डिजाइन कर रहे हैं, ताकि आप कहीं भी जाने पर कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस को कंट्रोल कर सकें। माइक्रोन-स्केल थ्रेड्स को ब्रेन के उन क्षेत्रों में डाला जाएगा जो मूवमेंट को कंट्रोल करते हैं। हर एक थ्रेड में कई इलेक्ट्रोड होते हैं, जिसे वह लिंक इम्प्लांट से जोड़ता है। इसके साथ ही न्यूरालिंक ऐप भी डिजाइन किया गया है। ब्रेन एक्टिविटी से सीधे अपने कीबोर्ड और माउस को बस इसके बारे में सोच कर कंट्रोल कर सकते हैं।
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आशीष कुशवाहा author

आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह मई 2023 से Timesnowhindi.com के साथ जुड़े हैं। वह यहां शेयर बाजा...और देखें

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