आमने-सामने आ जाएंगे मस्क और अंबानी? इस चीज की वजह हो सकता है मुकाबला, समझें- पूरा माजरा
स्टारलिंक चाहता है कि भारत सिर्फ सेवा के लिए लाइसेंस दे और सिग्नल वाले स्पेक्ट्रम या एयरवेव्स की नीलामी पर जोर न दे। मस्क का यह रुख टाटा, सुनील भारती मित्तल और अमेजन से मेल खाता है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी। (फाइलः एपी)
उपग्रह स्पेक्ट्रम (Satellite Spectrum) के लिए आने वाले समय में स्पेस एक्स के फाउंडर एलन मस्क और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी आमने-सामने आ सकते हैं। दोनों की कंपनियों के बीच मुकाबले के भी आसार हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मस्क के साथ टाटा, मित्तल और अमेजन एक तरफ हैं, जबकि इसी मामले अंबानी दूसरी तरफ नजर आ रहे हैं।
मस्क चाहते हैं कि उनका स्टारलिंक पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों से भारत में वायरलेस इंटरनेट को प्रसारित करे। हालांकि, उनका समूह जिस लाइंसेस व्यवस्था का समर्थन कर रहा है, उसके चलते उन्हें अंबानी की रिलायंस के साथ मुकाबला करना पड़ सकता है।
अमेरिका के न्यूयॉर्क में पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मस्क ने 21 जून को कहा कि वह भारत में स्टारलिंक की शुरुआत करना चाहते हैं। इस सेवा की मदद से बुनियादी ढांचे की कमी वाले दूरदराज के गांवों में इंटरनेट को पहुंचाया जा सकता है।
स्टारलिंक चाहता है कि भारत सिर्फ सेवा के लिए लाइसेंस दे और सिग्नल वाले स्पेक्ट्रम या एयरवेव्स की नीलामी पर जोर न दे। मस्क का यह रुख टाटा, सुनील भारती मित्तल और अमेजन से मेल खाता है। दूसरी ओर अंबानी की रिलायंस का कहना है कि विदेशी उपग्रह सेवा प्रदाताओं के वॉयस और डेटा सेवाएं देने के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी होनी चाहिए।
अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह का कहना है कि पारंपरिक दूरसंचार कंपनियों को समान अवसर देने के लिए ऐसा करना जरूरी है, जो सरकारी नीलामी में खरीदे गए एयरवेव्स का उपयोग करके ऐसी ही सेवाएं देते हैं।
ब्रोकरेज कंपनी सीएलएसए ने एक टिप्पणी में कहा, ''भारत की अंतरिक्ष-आधारित संचार सेवा (एसएस) के लिए स्पेक्ट्रम निर्णय महत्वपूर्ण है। सरकार ने 2010 से 77 अरब अमेरिकी डॉलर के मोबाइल स्पेक्ट्रम की नीलामी की है और कई कंपनियां एसएस के लिए उत्सुक हैं।''
सीएलएसए ने कहा कि स्टारलिंक सहित कई कंपनियां भारतीय एसएस के लिए उत्सुक हैं। टिप्पणी में कहा गया है कि अमेजन, टाटा, भारती एयरटेल समर्थित वनवेब और लार्सन एंड टुब्रो नीलामी के खिलाफ हैं, जबकि रिलायंस जियो और वोडाफोन-आइडिया भारत एसएस नीलामी का समर्थन करते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

Nifty Next Week Prediction: 25000 के पार क्या नई ऊंचाई छूएगा बाजार? जानें सपोर्ट-रेजिस्टेंस और निवेश की रणनीति

भारत ने बांग्लादेश को दिया बड़ा झटका, रेडीमेड गारमेंट्स सहित इन वस्तुओं के आयात पर लगाया बंदरगाह प्रतिबंध

20 Rupees New Notes: 20 रुपये के नए नोट जारी करेगा RBI, गवर्नर संजय मल्होत्रा के होंगे हस्ताक्षर

E-Filing: केंद्र सरकार का एक और बड़ा कदम, ट्रेड रेमेडी जांच में ई-फाइलिंग के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च करेगी

FPI Investment: विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार के लिए खोला खजाना ! एक दिन में किया 8,831 करोड़ रु का निवेश
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited