भारत में होगी मस्क और अंबानी की टक्कर ! क्या दुनिया का सबसे अमीर Jio का बिगाड़ेगा खेल

Elon Musk Planning To Start Operation of Starlink In India:मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने दिसंबर 2015 में सॉफ्ट लांच के साथ अपनी सेवाएं शुरू की थी और सितंबर 2016 में पूरी तरह से ग्राहकों के लिए सेवाएं लांच की थी। केवल 7 साल में रिलायंस जियो ने देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल को पछाड़ नंबर वन पोजिशन हासिल कर ली है।

Elon Musk Vs Mukesh Ambani

एलन मस्क बनेंगे मुकेश अंबानी के लिए नया चैलेंज

Elon Musk Planning To Start Operation of Starlink In India:अमेरिका के दौर पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दुनिया के सबसे अमीर शख्स की मुलाकात कई मायने में बेहद अहम रही है। मस्क ने ऐलान कर दिया है कि उनकी कंपनियां जल्द ही भारत में सेवाएं देने की तैयारी में हैं। उनके इस ऐलान से साफ है कि मस्क भारत में इंटरनेट सेवाएं देने वाली कंपनी Starlink का ऑपरेशन लांच करने की तैयारी में हैं।
अगर ऐसा होता है तो भारत एक बार फिर टेलीकॉम क्षेत्र में नई टक्कर का गवाह बनेगा और इसमें मस्क के सामने एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी होंगे। क्योंकि Starlink के सबसे ज्यादा टक्कर रिलायंस जियो से ही मिलने वाली है। जो इस समय भारत की नंबर वन टेलीकॉम कंपनी है। लेकिन एक बात साफ है कि इस लड़ाई में यूजर्स को फायदा होने वाला है। क्योंकि बाजार पर कब्जे के लिए प्राइस वॉर होगी। और यह वॉर इसलिए बेहद दिलचस्प होगी क्योंकि आमने-सामने दुनिया के टॉप रईस होंगे।

मुकेश अंबानी ने ऐसे कब्जा किया बाजार

मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने दिसंबर 2015 में सॉफ्ट लांच के साथ अपनी सेवाएं शुरू की थी और सितंबर 2016 में पूरी तरह से ग्राहकों के लिए सेवाएं लांच की थी। केवल 7 साल में रिलायंस ने देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल को पछाड़ नंबर वन पोजिशन हासिल कर ली है। कंपनी का फोकस फाइबर के जरिए टेलीकॉम सेवाएं देने पर रहा। इस दौरान ग्राहकों को लुभाने के लिए कंपनी ने फ्री और सस्ते ऑफर की रणनीति अपनाई। और इसका असर यह हुआ कि रिलायंस जियो देश की नंबर वन टेलीकॉम कंपनी बन गई।

मस्क के स्टारलिंक से क्यों है खतरा

असल में एलन मस्क अपनी कंपनी स्टार लिंक के जरिए सेटेलाइट के माध्यम से इंटरनेट सेवाएं दे रहे हैं। जो कि भारतीय बाजार से पूरी तरह से अलग है। भारत में रिलायंस जियो और दूसरी प्रमुख कंपनियां मुख्य रुप से ऑप्टिकल फाइबर के जरिए इंटरनेट सेवाएं दे रही हैं। इसके अलावा वह टेलीकॉम टॉवर के जरिए 2g,3g,4g स्पेकट्रम की बैंडविथ से इंटरनेट पहुंचा रही है।
सेटेलाइट और ऑप्टिकल फाइबर की सेवाओं का सबसे बड़ा अंतर उसकी पहुंच और स्पीड का है। सेटेलाइट के जरिए न केवल उन इलाकों में इंटरनेट मिल सकेगा, जहां ऑप्टिकल फाइबर और टॉवर की पहुंच नहीं है। बल्कि उसकी स्पीड भी 40-45 फीसदी तक ज्यादा होगी।

ग्रामीण इलाकों के बाजार के साथ पैसा भी

अभी भी भारत में ग्रामीण और सुदूर इलाकों में शहरों की तुलना में इंटरनेट की क्वॉलिटी बेहद कमजोर है। ऐसे में मस्क इस बाजार में तेजी से कब्जा कर सकते हैं। और ऐसा करने के लिए दुनिया के सबसे अमीर शख्स के पास पैसे कोई कमी नहीं है। और भारत में अभी 35 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है। मस्क को भी इस बाजार की अहमियत पता है तभी उन्होंने कहा है कि स्टारलिंक भारत भारत के उन ग्रामीण और सुदूर इलाकों में बेहद मददगार साबित हो सकता है, जहां पर इंटरनेट नहीं है या इंटरनेट की स्पीड बेहद कम है।
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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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