सरकारी आंकड़ों में भी नई नौकरियों में गिरावट!अगस्त में EPFO,ESIC के नए सब्सक्राइबर्स घटे

EPFO And ESIC August Data : रोजगार (Jobs) में गिरावट मोदी सरकार के लिए नई चिंता का सबब बन सकता है। क्योंकि न केवल इसे लेकर वह हमेशा विपक्ष के निशाने पर है, बल्कि आरएसएस (RSS) भी लगातार बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता जता रहा है। ईपीएफओ और एसआईसी के आंकड़ो में नए सब्सक्राइबर्स में आई गिरावट से साफ है कि नए रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं।

नौकरियों के अवसर कम हुए !

मुख्य बातें
  • मोदी सरकार, अपने दूसरे कार्यकाल में बेरोजगारी के मुद्दे पर हमेशा से विपक्ष के निशाने पर रही है।
  • अगस्त में नए ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स की संख्या में 11 फीसदी की कमी आई है।
  • ESIC के तहत नए रजिस्टर होने वाले सब्सक्राइबर्स की संख्या में 7 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
EPFO August Data :आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए चिंताजनक खबर है। बढ़ती महंगाई के बीच अगस्त में नई नौकरियों के आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी है। जुलाई के मुकाबले अगस्त के महीने में नए ईपीएफओ (EPFO) सब्सक्राइबर्स की संख्या में बड़ी कमी आई है। अगस्त में जुलाई के मुकाबले नए ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स की संख्या में 11 फीसदी की कमी आई है। इसी तरह ESIC के तहत नए रजिस्टर होने वाले सब्सक्राइबर्स की संख्या में 7 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। रोजगार (Jobs) में गिरावट मोदी सरकार के लिए नई चिंता का सबब बन सकता है। क्योंकि न केवल इसे लेकर वह हमेशा विपक्ष के निशाने पर है, बल्कि आरएसएस (RSS) भी लगातार बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता जता रहा है।
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क्या कहते हैं आंकड़े
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सरकार द्वारा जारी ईपीएफओ और एसआईसी के आंकड़ो में नए सब्सक्राइबर्स में आई गिरावट से साफ है कि नए रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं। और इस बात की तस्दीक प्राइवेट एजेंसियों के डाटा भी कर रहे है। CMIE के आंकड़ों के अनुसार अगस्त महीने में बेरोजगारी दर 8.28 फीसदी पर पहुंच गई थी। जो अगस्त 2021 के बाद सबसे ज्यादा बेरोजदारी दर थी। CMIE के अनुसार सितंबर में यह गिरकर 6.43 फीसदी पर आ गई है, जिसका असर एनएसओ द्वारा सितंबर के जारी आंकड़ों में दिख सकता है।
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