फेसबुक की मेटा एक झटके में निकालेगी 11000 कर्मचारी,टिकटॉक-मेटावर्स जुकरबर्ग पर पड़े भारी!
Facebook Parent Company Meta layoff : फेसबुक में करीब 87,000 कर्मचारी काम करते हैं। इनमें 13 फीसदी कर्मचारियों को निकालने का ऐलान किया गया है। फेसबुक की स्थापना साल 2004 में मार्क जुकबर्ग ने की थी। और उसके बाद से ऐसा पहली बार है कि कि कंपनी इतने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को निकाल रही है।
फेसबुक की कमाई घटी
- टिकटॉक बना मार्क जुकरबर्ग के लिए चुनौती
- वाट्सऐप की भी कमाई गिरी।
- कंपनी को फ्यूचर में कमाई बढ़ने की उम्मीद नहीं।
80 अरब डॉलर घटी कंपनी की वैल्युएशन
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इतने बड़े पैमाने पर छंटनी की प्रमुख वजह कंपनी के तीसरी तिमाही के नतीजे हैं। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में तीसरी तिमाही के आए नतीजे ने फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा की परेशानी बढ़ा दी थी। मेटा का मुनाफा करीब आधा रह गया था। इस कारण , नतीजों के बाद कंपनी की वैलुएशन 80 अरब डॉलर घट गई। इसकी बड़ी वजह तीसरी तिमाही में विज्ञापन से होने वाली कमाई में कमी आना रहा है।
वेराइटी की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के रेवेन्यू में सालाना आधार पर 4 फीसदी की कमी आई है। मेटा की तीसरी तिमाही में 27.71 अरब डॉलर रेवेन्यू और 4.4 अरब डॉलर नेट इनकम हनई। मेटा के रेवेन्यू में सालाना आधार पर दूसरी बार कमी आई। वहीं उसकी नेट इनकम 52 फीसदी गिर गई। यही नहीं चौथी तिमाही में भी कंपनी को बड़ी कमाई की उम्मीद नहीं दिख रही है। कंपनी ने चौथी तिमाही में 3.5-11 फीसदी तक रेवेन्यू में कमी आने की आशंका जताई है। उसका अनुमान है कि चौथी तिमाही में 30-32 अरब डॉलर के करीब रेवेन्यू रह सकता है।
गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के मेटावर्स डिवीजिन को पिछले तीन महीने में 3.7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। और उसको आशंका है कि यह घाटा साल 2023 में और बढ़ सकता है।
तीसरी तिमाही में कंपनी को 4.2 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ है। जो कि पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 52 फीसदी कम है। उस दौरान कंपनी को 9.2 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ था।
टिकटॉक ने बढ़ाई मुश्किल
कंपनी की कमाई की एक बड़ी वजह टिकटॉक भी है। जहां उसे बड़ी चुनौती मिल रही है। इस वजह से भी उसके विज्ञापन से होने वाली कमाई में कमी आई है। इसके अलावा कंपनी द्वारा नए प्रोडक्ट में किए गए निवेश से भी उसके कमाई पर असर पड़ा है। तीसरी तिमाही में मेटा की लागत और खर्च में 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कंपनी ने टिकटॉक को टक्कर देने के लिए रील पर बड़ा निवेश किया है। इसके अलावा मेटावर्स टेक्नोलॉजी में कंपनी लगातार निवेश कर रही है।
निकाले गए कर्मचारियों को इतने मिलेंगे पैसे
मेटा से निकाले जाने वाले कर्मचारियों को सर्विस के हर एक साल के लिए दो अतिरिक्त हफ्तों के साथ 16 हफ्तों की बेसिक सैलरी मिलेगा। इसके अलावा कंपनी ने कहा कि कर्मचारियों को छह महीने के लिए स्वास्थ्य सेवा का खर्च भी मिलेगा। छंटनी के फैसले के बारे में जुकरबर्ग ने कहा कि दुर्भाग्य से यह उनकी उम्मीदों के अनुरूप नहीं हैं। आर्थिक मंदी, उद्योग में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और विज्ञापन से जुड़ी कुछ समस्याओं की वजह से कंपनी की इनकम जुकरबर्ग की अपेक्षा से काफी कम हुई है।
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