MSP: सरकारी खरीद कम होने से किसानों ने मंडी से बनाई दूरी, सरसो-सोयाबीन-मूंगफली पर होगा असर

Oil Seed MSP:इस समय तिलहन 5,650 रुपये क्विन्टल एमएसपी के हिसाब से इसके तेल का थोक दाम लगभग 130 रुपये किलो बैठता है। वहीं दूसरी ओर आयातित सोयाबीन रिफाइंड तेल का थोक दाम 84-85 रुपये लीटर और पामोलीन का थोक दाम लगभग 89 रुपये लीटर बैठता है। इस वजह से घरेलू बाजार प्रभावित हो रहा है और आने वाले समय में किसान तिलहन के उत्पादन से दूरी बना सकते हैं।

OIL SEED

सरसों पर एमएसपी का टोटा

Oil Seed MSP:तिलहन की सरकारी खरीद कम रहने से किसानों ने मंडियों से दूरी बना रखी है। इसकी वजह यह है कि सरकारी खरीद के तहत सरकार 22-24 प्रतिशत सरसों ऊपज ही खरीद पायेगी। ऐसे में उन्हें अपनी फसल पर एंमएसपी (MSP) रेट मिलने की उम्मीद नहीं है। जिस वजह से देशी सरसों, सोयाबीन, सूरजमुखी, मूंगफली, बिनौला जैसे तेल के खपने के लायक बाजार परिस्थितियां नहीं हैं। ऐसे में आयात किए हुए पाम ऑयल और सोयाबीन रिफाइंड तेल की मांग बढ़ी है। इस समय तिलहन 5,650 रुपये क्विन्टल एमएसपी के हिसाब से इसके तेल का थोक दाम लगभग 130 रुपये किलो बैठता है। वहीं दूसरी ओर आयातित सोयाबीन रिफाइंड तेल का थोक दाम 84-85 रुपये लीटर और पामोलीन का थोक दाम लगभग 89 रुपये लीटर में मिल रहा है। इस वजह से घरेलू बाजार प्रभावित हो रहा है और आने वाले समय में किसान तिलहन के उत्पादन से दूरी बना सकते हैं।

किसान मंडी में नहीं ला रहे फसल
बाजार सूत्रों ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकारी खरीद का स्तर अभी कम है जिसकी वजह से किसान पूरी मात्रा में अपनी ऊपज मंडियों में नहीं ला रहे हैं। बुधवार को सवा नौ लाख बोरी की आवक तथा बृहस्पतिवार को सवा सात लाख बोरी की आवक के बाद आज मंडियों में लगभग 8.25 लाख बोरी सरसों की आवक हुई। यानी सरसों के आवक में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि कम आवक की वजह है कि सरकारी खरीद का स्तर अभी बढ़ा नहीं है। दूसरा किसानों को मालूम है कि इस सरकारी खरीद के तहत सरकार 22-24 प्रतिशत सरसों ऊपज ही खरीद पायेगी।
इसका असर मंडियों में भी दिख रहा है शुक्रवार को सरसों तेल तिलहन तथा शिकागो एक्सचेंज की गिरावट की वजह से सोयाबीन तेल की कीमतों में नरमी आई।कम कारोबार के बीच कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन, मूंगफली तेल तिलहन और बिनौला तेल के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट रही। जबकि शिकॉगो एक्सचेंज बृहस्पतिवार की रात लगभग दो प्रतिशत गिरावट के साथ बंद हुआ था और फिलहाल यहां मामूली सुधार है।

घरेलू बाजार पर फोकस नहीं
इस स्थिति में जब तक देशी तेल तिलहनों का बाजार विकसित करने की ओर ध्यान नहीं दिया जायेगा, वह खपेगा नहीं। यही हाल देशी मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी और बिनौले का भी है। देश में तेल तिलहन उत्पादन बढ़ाने का मतलब है देशी तेल तिलहन का बाजार विकसित करना और उसी के अनुरूप आयात नीति और शुल्कों का निर्धारण करना है।
सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट रहने के बीच पाम, पामोलीन तेल के दाम अपरिवर्तित रहे। वैसे देखा जाये तो पाम, पामोलीन का स्टॉक काफी कम है और कारोबार एकदम ढीला है। ऊंचे भाव पर मूंगफली के लिवाल कम हैं और इसे पेराई करने में काफी घाटा है। बेपड़ता भाव बैठने के बीच मूंगफली तेल तिलहन और बिनौला तेल के भाव भी पूर्वस्तर पर बंद हुए। किसानों की कम बिकवाली की वजह से सोयाबीन तिलहन में सुधार है। सोयाबीन फसल के मामले में जो अनुभव सामने आया है उससे आगे सोयाबीन के साथ साथ मूंगफली की खेती के प्रभावित होने की आशंका है।
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