नई सरकार के तहत FDI मानदंड होंगे और आसान! DPIIT सचिव बोले- कई सेक्टर्स के लिए नियम हो सकते हैं उदार
Foreign Direct Investment: उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि नयी सरकार के सत्ता में आने पर कुछ अन्य क्षेत्रों में FDI मानदंडों में राहत दी जा सकती है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए नियमों दी जाएगी ढील (तस्वीर-Canva)
Foreign Direct Investment: भारत ने हाल ही में अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) मानदंडों में ढील दी है और इस बात की संभावना है कि नयी सरकार के सत्ता में आने पर कुछ अन्य क्षेत्रों में FDI मानदंडों में राहत दी जा सकती है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने शनिवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने कई क्षेत्रों में FDI नीति को उदार बनाया है। उन्होंने कहा कि भारत की नीतियां दुनिया में सबसे उदार FDI नीतियों में से एक हैं और वास्तव में यह कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की तुलना में अधिक उदार है।
सिंह ने यहां सीआईआई के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन में कहा कि हाल ही में अंतरिक्ष क्षेत्र में एफडीआई मानदंडों को आसान बनाया गया था और इस बात की बहुत संभावना है कि नयी सरकार के तहत, हम जो भी क्षेत्र बचे हैं और जहां कुछ उदारीकरण संभव है, वहां इसके लिए प्रयास कर सकते हैं। देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और मतगणना चार जून को होनी है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2023 में भारत में एफडीआई 13 प्रतिशत घटकर 32.03 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया। ऐसा मुख्य रूप से कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, ऑटो और दवा क्षेत्रों में कम निवेश के कारण हुआ। उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजनाओं (पीएलआई) की सफलता के बारे में बात करते हुए सचिव ने कहा कि अब तक 1.13 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है और लाभार्थी कंपनियों ने नौ लाख करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री, 3.45 लाख करोड़ रुपये का निर्यात सृजित किया है, और साथ ही आठ लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी दी है।
सिंह ने कहा कि कुछ लोग यह कहते हुए इस योजना की आलोचना करते हैं कि इससे घरेलू मूल्यवर्धन में वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि इसमें समय लगता है। कारोबारी सुगमता के बारे में उन्होंने कहा कि विश्व बैंक के बिजनेस रेडी (बी-रेडी) सूचकांक पर काम जारी है, जिसके लिए सर्वेक्षण अगस्त में शुरू होगा। सिंह ने कहा कि भारत को अपनी इलेक्ट्रिक-वाहन (ईवी) नीति पर कई ऑटोमोबाइल कंपनियों से अच्छी प्रतिक्रिया की उम्मीद है। यह नीति टेस्ला जैसी वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने के लिए मार्च में जारी की गई थी।
उन्होंने कहा कि नीति में सरकार ने भारत में कोई भी वास्तविक निवेश किए बिना सिर्फ आधार स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताकर शुल्क में बदलाव करने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि हर कोई एक कंपनी (टेस्ला) के बारे में बात करता है, लेकिन हम इस नीति पर कई कंपनियों से प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
Coca-Cola Bottling Business: कोका-कोला ने बॉटलिंग यूनिट में 40% हिस्सेदारी बेची, जुबिलेंट भरतिया ग्रुप है खरीदार
Gold-Silver Price Today 11 December 2024: सोना-चांदी की कीमतों बदलाव, बढ़त या गिरावट, जानें अपने शहर का भाव
Financial Planning: जिंदगी में खुशहाली चाहते हैं, तो अपनाएं 50-30-20 का नियम
Cement Prices Hike: सीमेंट हो गया महंगा ! डीलरों ने 50 KG के बैग पर बढ़ाए 5 से 10 रु, दिसंबर में और बढ़ोतरी की संभावना
Vishal Mega Mart IPO GMP: विशाल मेगा मार्ट के IPO को सुस्त रेस्पॉन्स, फिर भी GMP दे रहा जोरदार प्रॉफिट का संकेत
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited