Tobacco Sector: तंबाकू क्षेत्र में FDI नियमों को बनाया जाएगा और सख्त, जानिए क्या है सरकार का प्लान
FDI In Tobacco Sector: तंबाकू क्षेत्र में किसी तरह के टेक्नोलॉजी कॉलेबोरेशन में एफडीआई की अनुमति है। इसमें फ्रेंचाइजी के लिए लाइसेंस, ट्रेडमार्क, ब्रांड नाम और मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि तंबाकू में एफडीआई प्रतिबंधित है और क्षेत्र की प्रचार-प्रसार गतिविधियों को भी नियंत्रित करने की आवश्यकता है।
तम्बाकू क्षेत्र में एफडीआई
- तंबाकू क्षेत्र पर सरकार सख्त
- FDI के लिए सख्त होंगे नियम
- कई चीजों पर पहले से है रोक
FDI In Tobacco Sector: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तंबाकू क्षेत्र में प्रचार-प्रसार की गतिविधियों पर रोक और तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नियमों को और सख्त करने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कंपनियां इस बारे में नियमों को 'दरकिनार' करने की कोशिश कर रही हैं, जिसके मद्देनजर सरकार एफडीआई नियमों को सख्त करना चाहती है। फिलहाल तंबाकू के सिगार, चुरूट, सिगारिलो और सिगरेट की मैन्युफैक्चरिंग में एफडीआई पर रोक है।
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इस चीज की है अनुमति
हालांकि तंबाकू क्षेत्र में किसी तरह के टेक्नोलॉजी कॉलेबोरेशन में एफडीआई की अनुमति है। इसमें फ्रेंचाइजी के लिए लाइसेंस, ट्रेडमार्क, ब्रांड नाम और मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि तंबाकू में एफडीआई प्रतिबंधित है और क्षेत्र की प्रचार-प्रसार गतिविधियों को भी नियंत्रित करने की आवश्यकता है। ऐसे उत्पादों का प्रचार करके कुछ कंपनियां एक ऐसी तंत्र बनाने की कोशिश करती हैं जहां तस्करी बढ़ती है।
मंत्रालयों के विचार जानने के लिए नोट जारी
उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने इस मुद्दे पर अलग-अलग मंत्रालयों के विचार जानने के लिए एक मसौदा नोट जारी किया है। अधिकारी ने कहा कि प्रचार गतिविधियों में प्रॉक्सी विज्ञापन, विभिन्न तरीकों से ब्रांड प्रचार और ब्रांड के बारे में जागरूकता पैदा करना शामिल है।
अधिकारी ने कहा कि हम कह रहे हैं कि तंबाकू क्षेत्र में एफडीआई प्रतिबंधित है और इसकी प्रचार गतिविधियों पर भी रोक लगाई जानी चाहिए क्योंकि कंपनियां मानदंडों को दरकिनार करने की कोशिश कर रही हैं।
फुल बैन का प्रस्ताव
मंत्रालय ने 2016 में तंबाकू क्षेत्र में एफडीआई पर फुल बैन लगाने का प्रस्ताव भी पेश किया था। प्रस्ताव के तहत मंत्रालय ने क्षेत्र में फ्रेंचाइजी, ट्रेडमार्क, ब्रांड नाम और प्रबंधन अनुबंधों के लाइसेंस में एफडीआई पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया था।
किसने किया फुल बैन का विरोध
हालांकि तंबाकू किसान संघों और कंपनियों सहित कुछ हलकों की चिंताओं के कारण सरकार इस मामले पर कोई निर्णय नहीं ले सकी थी। घरेलू तंबाकू उद्योग पर मुख्य रूप से आईटीसी लिमिटेड का प्रभुत्व है।
तंबाकू सेक्टर में एफडीआई का मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तंबाकू नियंत्रण पर संधि करने वाले देशों में से है। इस संधि के तहत संबंधित देशों पर तंबाकू उत्पादों की खपत कम करने की जिम्मेदारी है। (इनपुट - भाषा)
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