Federal Reserve: फेडरल रिजर्व ने फिर नहीं घटाया रेट,आरबीआई जैसा फैसला,महंगाई बनी परेशानी

Federal Reserve: लगातार सातवीं बार नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करने की प्रमुख वजह महंगाई रही है। फेडरल रिजर्व का लक्ष्य महंगाई को 2 फीसदी पर लाने का है। जो कि अभी उसे दूर की कौड़ी लग रही है। क्योंकि फेड ने अब दिसंबर के अंत के लिए महंगाई का अनुमान 2.6 फीसदी कर दिया है।

US FEDERAL RESERVE

अमेरिकी फेडरल रिजर्व

Federal Reserve:फेडरल रिजर्व ने एक बार फिर नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। ये लगातार सातवीं बार है जब दरों को स्थिर रखा गया है। फेडरल रिजर्व के इस फैसले के बाद नीतिगत दरों में इस साल किसी तरह की कटौती की संभावना बहुत कम रह हई है। और अगर थोड़ी बहुत गुंजाइश है तो यह दिसंबर के लिए बची है। फेड के इस फैसले के बाद नीतिगत दरें 5.25 फीसदी से 5.5 फीसदी के बीच बनी हुई हैं। इस बीच फेडरल रिजर्व ने अपने महंगाई के अनुमान को दिसंबर के अंत तक 2.6 फीसदी कर दिया है।

क्यों नहीं हुई कटौती

लगातार सातवीं बार नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करने की प्रमुख वजह महंगाई रही है। फेडरल रिजर्व का लक्ष्य महंगाई को 2 फीसदी पर लाने का है। जो कि अभी उसे दूर की कौड़ी लग रही है। क्योंकि फेड ने अब दिसंबर के अंत के लिए महंगाई का अनुमान 2.6 फीसदी कर दिया है। यानी इस साल भी महंगाई उसके सामान्य लक्ष्य से दूर रही है। जबकि मार्च की समीक्षा में उसने दिसंबर के लिए 2.4 फीसदी का अनुमान लगाया था।
इस फैसले पर फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने कहा है कि महंगाई में नरमी देखने को मिली है लेकिन ये अभी भी हमारे लक्ष्य से ज्यादा है। हम महंगाई दर को 2 फीसदी पर लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिससे अर्थव्यवस्था को मदद मिले और सभी को इसका फायदा मिले।

फेड की कनाडा और यूरोप से अलग राह, आरबीआई जैसा नजरिया
फेडरल रिजर्व के फैसले को देखा जाया तो उसकी सोच भारतीय रिजर्व बैंक जैसी ही है। आरबीआई ने भी बीते 7 जून को ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। उसका भी मानना है कि अभी महंगाई लक्ष्य के अनुरूप नहीं है। जबकि इसके पहले पिछले हफ्ते कनाडा और यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में कटौती कर दुनिया को कटौती के संकेत दिए थे। लेकिन फेड के ऐलान से यह बात साफ हो गई है कि अभी महंगाई को नियंत्रण में लाना सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited