पूरी दुनिया की फेड रिजर्व पर नजर,बैंकिंग संकट के बीच आज रात क्या लेगा बड़ा फैसला
Federal reserve bank meet: अमेरिकी सेंट्रल बैंक के सामने महंगाई को संभालने की सबसे बड़ी चुनौती है। और इसे देखते हुए ज्यादातर एक्सपर्ट इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि फेड रिजर्व एक बार फिर ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा। लेकिन बैंकिंग संकट को देखते हुए , वह थोड़ा सीमित रुख अपना सकता है।
फेडरल रिजर्व पर दुनिया की नजर
Federal reserve bank meet: पूरी दुनिया के लिए 22 मार्च बेहद अहम दिन है। इस दिन अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक ब्याज दरों को लेकर अहम फैसला कर सकता है। भारतीय समयानुसार आज रात में फेड रिजर्व फैसले का ऐलान करेगा। अगर ब्याज दरों में फेड रिजर्व बढ़ोतरी करता है, तो उसका सीधा असर दुनिया भर के शेयर बाजार पर दिखेगा और भारतीय शेयर बाजार भी उससे अधूता नहीं रहेगा। असल में जिस तरह अमेरिका में पहले सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक डूबे हैं, उसे देखते हुए फेड रिजर्व के सामने इस बार कोई भी फैसला लेना आसान नहीं होने वाला है। खास तौर से जब अमेरिका में फरवरी में महंगाई दर अभी भी 6 फीसदी के स्तर पर बनी हुई है।संबंधित खबरें
बढ़ती महंगाई के बीच बैंकिंग संकट बड़ी चुनौतीसंबंधित खबरें
असल में अमेरिकी सेंट्रल बैंक के सामने महंगाई को संभालने की सबसे बड़ी चुनौती है। और इसे देखते हुए ज्यादातर एक्सपर्ट इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि फेड रिजर्व एक बार फिर ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा। लेकिन बैंकिंग संकट को देखते हुए थोड़ा सीमित रुख अपना सकता है। एचडीएफसी सिक्योरिटी रिटेल रिसर्च हेड दीपत जसानी ते अनुसार निवेशक फेडरल रिजर्व से थोड़ी कम आक्रामक स्ट्रैटेजी की उम्मीद कर रहे हैं। खास तौर से बैंकिंग संकट को देखते हुए, इस बात की उम्मीद है कि फेड रिजर्व ब्याज दरों में कम बढ़ोतरी करेगा। संबंधित खबरें
इस बात की संभावना है कि फेड रिजर्व ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर नीतिगत दर को 4.75 फीसदी के स्तर पर ले जाएगा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बोर्ड ऑफ गवर्नर की सदस्य लीसा डी कुक ने इसके पहले जनवरी 2023 में चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि हाल ही में कुछ सकारात्कम संकेतों के बावजूद अमेरिका में महंगाई बहुत अधिक बनी हुई है। और उन्होंने यह भी कहा था कि वह महंगाई दर को अमेरिका के दो फीसदी लक्ष्य पर वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी तरह बीते 7 मार्च के बयान में भी फेड रिजर्व चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए थे।हालांकि कुक ने जब यह बयान दिया था उस समय अमेरिका में बैंकिंग संकट नहीं खड़ा हुआ था। ऐसे में अब फेड रिजर्व के सामने महंगाई-ग्रोथ को बनाए रखने के साथ बैंकिंग संकट को संभालने की चुनौती है। संबंधित खबरें
यूरोप मॉडल को अपनाएगासंबंधित खबरें
फेड रिजर्व जिस अनिश्चितता का सामना कर रहा है, वैसा ही सामना पिछले हफ्ते की मीटिंग के समय यूरोपीयन सेंट्रल बैंक ने किया था। हालांकि ECB ने क्रेडिट सुइस के संकट को नजरअंदाज करते हुए ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी थी। ऐसे में अगर फेड रिजर्व भी ऐसा ही कदम उठाता है, तो यह देखना होगा कि निवेशकों का रुख क्या होता है।संबंधित खबरें
भारत पर दिखेगा असरसंबंधित खबरें
अगर फेड रिजर्व ब्याज दरों में ज्यादा बढ़ोतरी करता है, तो साफ है कि अमेरिका पर मंदी का साया बना हुआ है। और उसका असर भारत में भी अगली मौद्रिक नीति में भी दिख सकता है। क्योंकि आरबीआई के लिए अभी भी महंगाई चिंता का विषय बनी हुई है। हालांकि अब कई अर्थशास्त्री इस बात की सलाह दे रहे हैं कि आरबीआई को अब ब्याज दरों में ग्रोथ पर रोक लगानी चाहिए। क्योंकि ऐसा नहीं करने पर ग्रोथ पर निगेटिव असर हो सकता है।संबंधित खबरें
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना च...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited