Survey: पहली छमाही में कम लोगों की छंटनी, आईटी के वरिष्ठ पेशेवरों पर पड़ेगी सबसे ज्यादा मार

29 प्रतिशत नियोक्ताओं ने सिर्फ नई भर्तियों की बात कही है जबकि 17 प्रतिशत ने कर्मचारियों की संख्या बरकरार रखने की बात कही है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर

तस्वीर साभार : PTI

नियोक्ताओं का मानना है कि साल 2023 की पहली छमाही में छंटनियां घटेंगी। हालांकि, आईटी क्षेत्र से जुड़ी नौकरियों और वरिष्ठ पदों पर तैनात पेशेवरों पर छंटनी की मार अधिक पड़ने की आशंका है। जॉब पोर्टल नौकरी डॉट कॉम की तरफ से 1,400 नियोक्ताओं के बीच कराए गए एक सर्वेक्षण में यह अनुमान जाहिर किया गया है। गुरुवार को जारी इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ चार प्रतिशत प्रतिभागियों ने ही साल की पहली छमाही में छंटनी किए जाने की आशंका जताई है।

आईटी उद्योग पर छंटनी की सबसे अधिक मार पड़ेगी

हालांकि, 10 क्षेत्रों के नियोक्ताओं के बीच कराए गए सर्वे से पता चलता है कि आईटी उद्योग पर अगले कुछ महीनों में छंटनी की सबसे अधिक मार पड़ सकती है। इसके अलावा कारोबार विकास, विपणन, मानव संसाधन और परिचालन से जुड़ी नौकरियों में भी कटौती की जा सकती है।

सर्वेक्षण कहता है, सबसे ज्यादा छंटनी वरिष्ठ पदों पर तैनात पेशेवरों की होने की आशंका है। करीब 20 प्रतिशत नियोक्ताओं ने ऐसा अनुमान जताया है। वहीं हाल ही में अपना करियर शुरू करने वाले युवा कर्मचारियों पर छंटनी का असर सबसे कम पड़ने की उम्मीद है। सर्वेक्षण के मुताबिक, साल की पहली छमाही में करीब आधे नियोक्ताओं ने कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर 15 प्रतिशत से अधिक रहने की संभावना जताई है और इसमें सबसे ज्यादा हिस्सा आईटी उद्योग का ही रहने का अनुमान है।

29 प्रतिशत नियोक्ताओं ने सिर्फ नई भर्तियों की बात कही

हालांकि, वैश्विक रोजगार बाजार में व्याप्त अनिश्चितता के बावजूद 92 प्रतिशत नियोक्ता जनवरी-जून 2023 की अवधि में नई भर्तियों को लेकर आशान्वित हैं। करीब आधे प्रतिभागियों ने नई भर्तियों के अलावा पुराने पदों पर नियुक्तियों की उम्मीद जताई है। वहीं 29 प्रतिशत नियोक्ताओं ने सिर्फ नई भर्तियों की बात कही है जबकि 17 प्रतिशत ने कर्मचारियों की संख्या बरकरार रखने की बात कही है।

भर्तियों को लेकर नियोक्ताओं का नजरिया आशावादी होने से कर्मचारी अपने सालाना कामकाजी मूल्यांकन में बेहतर वेतन-वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं। सर्वेक्षण में शामिल एक-तिहाई से अधिक प्रतिभागियों ने इस साल औसत वेतन-वृद्धि 20 प्रतिशत से भी अधिक रहने की उम्मीद जताई है। इसके अलावा कॉलेज एवं उच्च शैक्षणिक संस्थानों से पढ़कर निकलने वाले युवा भी कैंपस भर्ती को लेकर नियोक्ताओं के अनुकूल रुख से उत्साहित हो सकते हैं।

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