FIEO: इस साल 450 अरब डॉलर पहुंच सकता है निर्यात, 2030 तक MSME बनेगा ट्रिगर
Export From India: फिओ के अनुसार देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्यात क्षेत्र को आसान और कम लागत वाले लोन तथा मार्केटिंग सपोर्ट की जरूरत है। ब्रिटेन और ओमान के साथ मुक्त व्यापार समझौतों को जल्द अंतिम रूप देने से भी निर्यात को मदद मिलेगी।
निर्यात में एमएसएमई निभाएंगे भूमिका
यहां पर निर्यात के ज्यादा मौके
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार के अनुसार देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्यात क्षेत्र को आसान और कम लागत वाले लोन तथा मार्केटिंग सपोर्ट की जरूरत है। ब्रिटेन और ओमान के साथ मुक्त व्यापार समझौतों को जल्द अंतिम रूप देने से भी निर्यात को मदद मिलेगी।लाल सागर संकट से पैदा हुई चुनौतियों का समाधान समुद्री बीमा और माल ढुलाई शुल्क में तर्कसंगत वृद्धि करके किया जा सकता है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष ने कहा कि संगठन लैटिन अमेरिका और अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में निर्यातकों के लिए अधिक अवसर तलाशने पर भी काम कर रहा है।उन्होंने कहा कि चुनौतियां हैं, लेकिन मुझे यकीन है कि हम चालू वित्त वर्ष में 450 अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात को हासिल कर लेंगे। उन्होंने कहा कि समस्याओं के बावजूद फरवरी में निर्यात लगभग 12 प्रतिशत बढ़कर 41.40 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान वस्तुओं का निर्यात 395 अरब अमेरिकी डॉलर था।
MSME को सपोर्ट की जरूरत
उन्होंने कहा कि छोटी और मझोली इकाइयां अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और उन्हें ऋण से संबंधित कुछ मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है। कुमार ने कहा, ''मैं बैंकों से इन इकाइयों को समर्थन देने के लिए आगे आने का आग्रह करूंगा। ये इकाइयां 2030 तक 1,000 अरब डॉलर के वस्तु निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
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