Budget: प्री-बजट बैठकें शुरू, इंफ्रा सेक्टर के लोगों से मिलीं वित्त मंत्री
Budget: बजट 2023-24 (Budget 2023-24) को संसद के बजट सत्र के पहले भाग के दौरान 1 फरवरी को पेश किया जाना है।
Budget: प्री-बजट बैठकें शुरू, कई स्टेक होल्डर्स से मिलीं वित्त मंत्री
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कई स्टेक होल्डर्स के साथ बजट (Budget) से पहले के परामर्श की शुरुआत कर दी है। बैठक का आयोजन वर्चुअली किया गया। इसमें केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, भागवत किशनराव कराड और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। इस बार का बजट बेहद खास होगा क्योंकि देश में महंगाई एक चिंता का विषय बन गया है। ऐसे में देखना ये होगा कि सरकार देश में मुद्रास्फीति को कम करने के लिए क्या ऐलान करती है। आज वित्त मंत्री कृषि के विशेषज्ञ और कृषि प्रसंस्करण उद्योग के प्रतिनिधियों से मिलीं।
बुनियादी ढांचा उद्योग ने बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ सोमवार को बैठक में माल एवं सेवा कर (GST) को युक्तिसंगत बनाने, बैंक से कर्ज को सुगम बनाने और सार्वजनिक व्यय बढ़ाने की मांग की। उद्योग संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने 5जी नेटवर्क और सेवाओं के क्रियान्वयन के बीच वित्त मंत्री के समक्ष प्रस्तुत अपने प्रतिवेदन में दूरसंचार क्षेत्र में शुल्क और करों में कटौती की भी मांग की।
टेलिकॉम सेक्टर की मांगे
दूरसंचार उद्योग ने जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने, लाइसेंस शुल्क को तीन प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत करने और उपकरण पर सीमा शुल्क में कटौती की भी मांग की। सीओएआई से रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियां जुड़ी हुई हैं। सूत्रों के अनुसार, बैठक में वाहन उद्योग ने देश को इलेक्ट्रिक वाहन के विनिर्माण का आधार बनाने के लिये दीर्घकालीन नीतियों के रूप में सरकार से समर्थन की मांग की। उद्योग ने इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों के कर्मचारियों के लिये कौशल विकास को लेकर समर्थन की भी वकालत की।
रोजगार, कर दायरा बढ़ाने पर ध्यान देने की जरूरत
उद्योग मंडलों ने सोमवार को कहा कि अगले वित्त वर्ष के बजट में रोजगार बढ़ाने के उपायों पर ध्यान देने के साथ कर आधार तथा खपत बढ़ाने के लिये जीएसटी और व्यक्तिगत आयकर स्लैब को युक्तिसंगत बनाया जाना चाहिए। बजट को लेकर सुझावों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक में उद्योग जगत ने यह सुझाव दिया।
उद्योग मंडल सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) के अध्यक्ष संजीव बजाज ने कहा, ‘‘वैश्विक परिदृश्य कुछ समय तक प्रतिकूल बने रहने की आशंका है। इसीलिए हमें वृद्धि के नये क्षेत्रों को तैयार कर तथा घरेलू मांग को बढ़ावा देने के लिये रोजगार सृजन को गति देकर अपनी घरेलू अर्थव्यवस्था को व्यापक बनाना चाहिए।’’
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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