अब आपके क्रेडिट स्कोर में भी फर्जीवाड़ा, RBI ने पहली बार CIBIL सहित इन कंपनियों पर ठोका जुर्माना

First Time RBI Fines Credit Bureaus: आरबीआई ने एक्सपीरियन पर 24.8 लाख रुपये और सीआरआईएफ हाई मार्क पर 25.8 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसी तरह इक्विफैक्स पर 24.3 लाख रुपये और ट्रांसयूनियन सिबिल पर 26 लाख रुपये का जुर्माना लगा है।

First Time RBI Fines Credit Bureaus

पहली बार आरबीआई ने क्रेडिट ब्यूरो पर जुर्माना लगाया

मुख्य बातें
  • आरबीआई ने लगाया क्रेडिट ब्यूरो पर जुर्माना
  • पहली बार उठाया ये सख्त कदम
  • सिबिल स्कोर बताते हैं क्रेडिट ब्यूरो

First Time RBI Fines Credit Bureaus: ग्राहकों की शिकायतों के बाद उधारकर्ता का सटीक डेटा न रखने के लिए आरबीआई (RBI) ने चार क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (Credit Information Bureaus) पर जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने इस तरह का सख्त कदम पहली बार उठाया है।

ट्रांसयूनियन सिबिल (TransUnion Cibil), सीआरआईएफ हाई मार्क (CRIF High Mark) और इक्विफैक्स (Equifax) के मामले में, आरबीआई ने कहा कि गलत डेटा का पता लगने के अलावा, उधारकर्ताओं की तरफ से ब्यूरो द्वारा क्रेडिट जानकारी अपडेट न करने और शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का निपटारा (निर्धारित 30 दिनों के भीतर) करने के लिए क्या कदम उठाए इसकी जानकारी न देने की भी शिकायतें मिली हैं।

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एक्सपीरियन पर क्यों लगी जुर्माने की चपत

चौथी कंपनी है एक्सपीरियन (Experian), जिस पर जुर्माना लगाया गया है। इस कंपनी ने क्रेडिट जानकारी से संबंधित सटीक डेटा नहीं रखा, जिसके चलते आरबीआई ने कंपनी पर जुर्माना लगा है।

आरबीआई ने केंद्रीय बैंक के मानदंडों का उल्लंघन करते हुए एक ही ग्राहक को कई कस्टमर आईडी नंबर एलॉट करने के लिए स्टैनचार्ट (StanChart) को भी दंडित किया है। बता दें कि अलग-अलग कारणों से आरबीआई ने सात सहकारी बैंकों पर भी जुर्माना लगाया था।

कितना लगा जुर्माना

आरबीआई ने एक्सपीरियन पर 24.8 लाख रुपये और सीआरआईएफ हाई मार्क पर 25.8 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसी तरह इक्विफैक्स पर 24.3 लाख रुपये और ट्रांसयूनियन सिबिल पर 26 लाख रुपये का जुर्माना लगा है।

क्या होते हैं क्रेडिट ब्यूरो

क्रेडिट ब्यूरो को फाइनेंशियल क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसी भी कहा जाता है। ये लोगों की क्रेडिट जानकारी जुटाकर बैंकों और दूसरे कर्जदाताओं को देती है ताकि वे उधार देने पर फैसला ले सकें। वैसे तो क्रेडिट ब्यूरो उधारदाताओं को ग्राहकों के रीपेमेंट हिस्ट्री आदि का डेटा देते हैं, मगर उनकी जिम्मेदारी उधारकर्ताओं के प्रति भी होती है।

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काशिद हुसैन author

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