Fiscal Deficit: लक्ष्य से अधिक हो सकता है राजकोषीय घाटा, GDP के 6% रहने का अनुमान

Fiscal Deficit In FY24: इंडिया रेटिंग्स ने कहा है कि पहली सप्लीमेंट्री अनुदान के लिए मांग और संभवतः दूसरी सप्लीमेंट्री अनुदान मांग के भी जरिए बजटीय राजस्व से अधिक खर्च करने के अलावा मौजूदा बाजार मूल्य पर जीडीपी के बजट अनुमान से कम रहने से राजकोषीय घाटा बढ़ जाएगा।

Fiscal Deficit

FY24 में राजकोषीय घाटा

मुख्य बातें
  • बढ़ सकता है राजकोषीय घाटा
  • अनुमान से रह सकता है अधिक
  • 79,770 करोड़ रुपये हो चुके खर्च
Fiscal Deficit In FY24: घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने मंगलवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में टैक्स कलेक्शन में अच्छी वृद्धि होने के बावजूद रोजगार गारंटी योजना और सब्सिडी पर खर्च बढ़ने से राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) बढ़ सकता है। रेटिंग एजेंसी ने एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटा निर्धारित लक्ष्य से थोड़ा अधिक छह प्रतिशत रह सकता है। बजट में राजकोषीय घाटे के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था।

विनिवेश प्राप्तियों के कम रहने से बढ़ेगा राजकोषीय घाटा

इंडिया रेटिंग्स ने कहा है कि पहली सप्लीमेंट्री अनुदान के लिए मांग और संभवतः दूसरी सप्लीमेंट्री अनुदान मांग के भी जरिए बजटीय राजस्व से अधिक खर्च करने के अलावा मौजूदा बाजार मूल्य पर जीडीपी के बजट अनुमान से कम रहने से राजकोषीय घाटा बढ़ जाएगा।
इसके मुताबिक टैक्स और नॉन टैक्सेबल कलेक्शन अधिक होने के बावजूद राजकोषीय घाटा बढ़ेगा। इसके अलावा विनिवेश प्राप्तियों (Disinvestment Receipts) के बजट अनुमान से कम रहने का भी इस पर असर पड़ेगा।

79,770 करोड़ रुपये पहले ही खर्च किए जा चुके

पहली सप्लीमेंट्री अनुदान मांग में केंद्र सरकार फूड, उर्वरक और एलपीजी सब्सिडी के अलावा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर अधिक खर्च करेगी। इस वजह से राजकोषीय घाटा लक्ष्य से आगे निकल सकता है।
चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में मनरेगा के तहत 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे लेकिन 19 दिसंबर तक 79,770 करोड़ रुपये पहले ही खर्च किए जा चुके हैं। इसके लिए पहली सप्लीमेंट्री अनुदान मांग में 14,520 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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