Fiscal Deficit: लक्ष्य से अधिक हो सकता है राजकोषीय घाटा, GDP के 6% रहने का अनुमान
Fiscal Deficit In FY24: इंडिया रेटिंग्स ने कहा है कि पहली सप्लीमेंट्री अनुदान के लिए मांग और संभवतः दूसरी सप्लीमेंट्री अनुदान मांग के भी जरिए बजटीय राजस्व से अधिक खर्च करने के अलावा मौजूदा बाजार मूल्य पर जीडीपी के बजट अनुमान से कम रहने से राजकोषीय घाटा बढ़ जाएगा।
FY24 में राजकोषीय घाटा
- बढ़ सकता है राजकोषीय घाटा
- अनुमान से रह सकता है अधिक
- 79,770 करोड़ रुपये हो चुके खर्च
विनिवेश प्राप्तियों के कम रहने से बढ़ेगा राजकोषीय घाटा
इंडिया रेटिंग्स ने कहा है कि पहली सप्लीमेंट्री अनुदान के लिए मांग और संभवतः दूसरी सप्लीमेंट्री अनुदान मांग के भी जरिए बजटीय राजस्व से अधिक खर्च करने के अलावा मौजूदा बाजार मूल्य पर जीडीपी के बजट अनुमान से कम रहने से राजकोषीय घाटा बढ़ जाएगा।
इसके मुताबिक टैक्स और नॉन टैक्सेबल कलेक्शन अधिक होने के बावजूद राजकोषीय घाटा बढ़ेगा। इसके अलावा विनिवेश प्राप्तियों (Disinvestment Receipts) के बजट अनुमान से कम रहने का भी इस पर असर पड़ेगा।
79,770 करोड़ रुपये पहले ही खर्च किए जा चुके
पहली सप्लीमेंट्री अनुदान मांग में केंद्र सरकार फूड, उर्वरक और एलपीजी सब्सिडी के अलावा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर अधिक खर्च करेगी। इस वजह से राजकोषीय घाटा लक्ष्य से आगे निकल सकता है।
चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में मनरेगा के तहत 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे लेकिन 19 दिसंबर तक 79,770 करोड़ रुपये पहले ही खर्च किए जा चुके हैं। इसके लिए पहली सप्लीमेंट्री अनुदान मांग में 14,520 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
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