क्रेडिट कार्ड और पर्सलन लोन में आएगी गिरावट, फिच बोला-बैंक,फाइनेंस कंपनियां ले रहे थे जोखिम

Fitch On Personal Loan: रिपोर्ट में कहा गया है कि असुरक्षित कंज्यूमर का बढ़ना अधिक जोखिम लेने का भी संकेत देता है। इसके कारण बैंक और एनबीएफआई असुरक्षित खुदरा कर्ज को लेकर कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच शुद्ध ब्याज मार्जिन भी बचाए रखना चाहते हैं।

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बैंक कम बांटेंगे पर्सलन लोन

Fitch On Personal Loan:भारतीय रिजर्व बैंक के बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिये असुरक्षित माने जाने वाले पर्सलन लोन से जुड़े नियमों को सख्त किये जाने से लोनवृद्धि पर असर पड़ेगा। इसका कारण बैंकों और एनबीएफसी को अब ऐसे कर्ज के एवज में अधिक पूंजी प्रावधान करने की जरूरत पड़ेगी।साख निर्धारित करने वाली एजेंसी फिच रेटिंग्स ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में यह भी कहा कि इससे इस तरह के कर्ज की बढ़ती मांग भी कम होने की संभावना है।

तेजी से बढ़ा क्रेडिट कार्ड और पर्सलन लोन

रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के वर्षों में उपभोक्ता कर्ज तेजी से बढ़ा है। ऐसे में हमारा मानना है कि बैंक प्रणाली के स्तर पर उपभोक्ता कर्ज से उत्पन्न उभरते जोखिम को नियंत्रित करने के लिये इस मामले में सख्ती सकारात्मक प्रयास है। फिच के अनुसार, बैंकों के असुरक्षित माने जाने वाले क्रेडिट कार्ड कर्ज और पर्सलन लोन में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सालाना आधार पर क्रमश: 29.9 प्रतिशत और 25.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि सभी कर्ज को मिलाकर कुल वृद्धि 20 प्रतिशत रही।

बैंकों का बैक डोर तरीका

रिपोर्ट में कहा गया है कि असुरक्षित कंज्यूमर का बढ़ना अधिक जोखिम लेने का भी संकेत देता है। इसके कारण बैंक और एनबीएफआई सुरक्षित खुदरा कर्ज को लेकर कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच शुद्ध ब्याज मार्जिन भी बचाए रखना चाहते हैं। फिच ने कहा कि हमारा अनुमान है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफआई) को बैंकों से मिलने वाले कर्ज पर जोखिम भार बढ़ने का प्रभाव महत्वपूर्ण हो सकता है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का क्रेडिट कार्ड कर्ज कम है लेकिन वे एनबीएफआई को ऋण देने को उत्सुक दिखते हैं। दूसरी तरफ निजी क्षेत्र के बैंकों के लिये स्थिति इसके उलट है।रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर इस बदलाव से बैंक प्रणाली में ‘कॉमन’ इक्विटी शेयर पूंजी (टियर-1) अनुपात 0.60 से 0.70 प्रतिशत कम होने का अनुमान है। यह वह नियामकीय पूंजी है, जो नुकसान की स्थिति में उससे निपटने में सक्षम होती है।

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