नोएडा, गाजियाबाद में अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में भी बढ़ रही डिमांड, जानें क्या है वजह
Real Estate Property: त्यौहारी सीजन से पहले गौतम बुद्ध नगर (नोएडा-ग्रेटर नोएडा) और गाजियाबाद इलाके में निर्माणाधीन प्रॉपर्टी की मांग में फिर से तेजी आई है। रेडी-टू-मूव की तुलना में अंडर कन्स्ट्रक्शन फ्लैट्स की डिमांड बढ़ गई है। जानिए इसकी क्या वजहें हैं।
रेडी-टू-मूव की तुलना निर्माणाधीन घरों की बढ़ी मांग
Real Estate Property: रेडी-टू-मूव हाउसिंग यूनिट्स की बढ़ती मांग और लग्जरी संपत्तियों की आसमान छूती बिक्री के बीच गौतम बुद्ध नगर (नोएडा-ग्रेटर नोएडा) और गाजियाबाद इलाके में निर्माणाधीन संपत्तियों की मांग में फिर से तेजी आई है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि निर्माणाधीन संपत्तियां रेडी-टू-मूव की तुलना में किफायती हैं, लेकिन इसके पूरा होने, कब्जे प्राप्ति की निश्चितता, गुणवत्ता की खराबी, निगरानी में कमी के बारे में अनिश्चितताओं के कारण घर खरीदार निर्माणाधीन श्रेणी से दूर रहे। तो, ऐसा क्या है जो निर्माणाधीन संपत्तियों को घर खरीदारों के लिए फिर से एक आकर्षक सौदा बनाता है! बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह बजट, विश्वास, बुनियादी ढांचे के विकास, फ्लेक्सी पेमेंट प्लान, निर्माण तकनीकों और प्रोजेक्ट कठोर निगरानी यानी नियामक कार्रवाई का मिश्रण है। आइये निर्माणाधीन संपत्तियों की बिक्री को बढ़ावा देने वाले कारकों पर एक नजर डालते हैं।
रियल एस्टेट विनियमन
खराब निधि प्रबंधन और प्रमोटरों द्वारा धनराशि के डायवर्जन के प्रमुख मुद्दों का सामना करते हुए, रेरा ने सभी प्रकार की रियल एस्टेट परियोजनाओं में परियोजना से संबंधित बैंक खातों और निर्माण प्रगति के प्रबंधन के प्रति कड़े नियम बना दिए है।
प्रोजेक्ट कलेक्शन एकाउंट
यूपी रेरा द्वारा सभी परियोजनाओं के लिए प्रोजेक्ट कलेक्शन अकाउंट खोलने के निर्देश दिए गए हैं तथा घर खरीदारों एवं प्रोमोटर्स को निर्देश दिए गए है कि परियोजना के निर्माण एवं विकास संबंधी सभी धनराशि केवल प्रोजेक्ट कलेक्शन एकाउंट में ही जमा करें। इससे परियोजना के लिए जमा की जा रही धनराशि का उपयोग परियोजना के निर्माण में होना सुनिश्चित किया जा सकेगा। इसकी जानकारी घर खरीदारों तक पहुंचाने के लिए रेरा द्वारा प्रोमोटर को यह भी निर्देश भी दिया गया है कि वे घर खरीदारों हेतु किये जाने वाले विज्ञापन/प्रचार-प्रसार सामग्री और सभी प्रकार के पत्र व्यवहार आदि में ‘प्रोजेक्ट कलेक्शन अकाउंट’ का डिटेल अनिवार्य रूप से दें जिसका वेरिफिकेशन घर खरीदार रेरा पोर्टल से कर सके।
क्यू.पी.आर अपडेट
रेरा में प्रोमोटर्स को अपनी परियोजनाओं की त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट- क्यू.पी.आर. भरने के व्यवस्था की गई है। क्यूपीआर भरने से रेरा, घर खरीदने वाले और प्रोजेक्ट के अन्य हितधारकों को प्रोजेक्ट के निर्माण और विकास की वास्तविक प्रगति के बारे में जानकारी मिलती है। इस आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि प्रमोटर ने निर्धारित लक्ष्यों की तुलना में कितना निर्माण किया है या प्रमोटर अपने निर्धारित लक्ष्यों से आगे है या पीछे! क्यूपीआर से मिली जानकारी घर खरीदने वालों के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।
सरकारी नीतियां
केन्द्र और राज्य सरकारें घर खरीदारों के हितों की रक्षा करने और अटकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए नीतियां बनाने के लिए मिलकर काम कर रही हैं।
SWAMIH फंड
वित्तीय रूप से लाभकारी आवासीय परियोजनाओं के पुनर्वास के लिए समर्पित केंद्र सरकार द्वारा स्थापित स्वामिह (SWAMIH) फंड ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई अटकी हुई परियोजनाओं की स्थिति बदल दी है। ऐसी अटकी हुई परियोजनाओं को धन वितरित किए जाने के बाद, न केवल मौजूदा घर खरीदारों को अब अपनी इकाइयां मिलने की उम्मीद है, बल्कि नए घर खरीदार भी उत्सुकता दिखा रहे हैं। नीति के तहत एक दर्जन से अधिक अटकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पुनर्जीवित किया गया है और कई अन्य को भी नया जीवन मिलने की उम्मीद है।
अमिताभ कांत समिति
राज्य सरकार द्वारा नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्रों में अधूरी परियोजनाओं में निर्माण कार्य को फिर से शुरू कराने और यूनिट्स की रजिस्ट्री कराने के प्रयासों में सफलता मिली है। सक्षम विकास प्राधिकरणों द्वारा अधूरी आवासीय परियोजनाओं पर अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है, जिससे परियोजनाओं के पुनर्वास का रास्ता साफ हो गया है और कब्जा प्राप्त घर खरीदारों की यूनिट्स के लिए रजिस्ट्री करने के रास्ते खुल गए हैं।
बजट और भरोसा
नए रियल एस्टेट संस्थानों के प्रवेश के कारण 2010-14 का शानदार रियल्टी बूम अब 2023-24 में एक परिपक्व रियल एस्टेट क्षेत्र बन गया है क्योंकि प्रमुख प्रोमोटर अब सीमित इकाइयों और टावरों वाली परियोजनाएं शुरू कर रहे हैं। यूनिट्स का टिकट साइज निश्चित रूप से अधिक है, लेकिन समय पर डिलीवरी का भरोसा प्रमुख भूमिका निभा रहा है। बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड वाले प्रोमोटरों के पास नई लॉन्च की गई निर्माणाधीन संपत्तियों में खरीदारों की कोई कमी नहीं है क्योंकि उनकी लागत रेडी टू मूव इन्वेंट्री से बेहतर हैं।
घर खरीदारों को आसान पेमेंट प्लान से निवेश के लिए प्रोमोटर्स ऐसे प्लान मार्किट में ला रहे है जिससे उनपर रेंट के साथ ईएमआई की दोहरी मार न पड़े। अमूमन यही हाल प्रॉपर्टी अपग्रेड करने वालो के साथ भी ही है क्योकिं वे पहले से ही अपने मौजूदा घर की ईएमआई दे रहे है। प्रोजेक्ट साइज छोटा होने, नई तकनीक से कम समय में निर्माण होने तथा पजेशन के बाद ईएमआई से ग्राहकों में विश्वास बढ़ा है।
निर्माण की नई तकनीकों का समागम
प्रोमोटर द्वारा विभिन्न नई और अभिनव निर्माण प्रौद्योगिकियों को अपनाया गया है जो निर्माण समय को कम करती हैं, संरचना की गुणवत्ता में सुधार करती हैं, सीमेंट और निर्माण अपशिष्ट को बचाती हैं जो अंततः धूल और प्रदूषण को कम करने का काम करती हैं। आवासीय परियोजनाओं में यह तकनीकें निर्माण की लागत और जीवन चक्र लागत को कम करती है, तापमान नियंत्रण करती है और बेहतर ग्रीन रेटिंग देती है जिसके परिणामस्वरूप निर्माणाधीन संपत्तियों को खरीदने के लिए खरीदारों के बीच उत्सुकता और आत्मविश्वास बढ़ता है।
बुनियादी ढांचे का विकास
गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है। नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास, मेट्रो कॉरिडोर और रेलवे नेटवर्क का विस्तार, रैपिड रेल सचालन, राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के नेटवर्क को जोड़ना, समर्पित विनिर्माण और औद्योगिक क्षेत्रों ने इन स्थानों को भारत का एक निवेश केंद्र बना दिया है जहां घरेलू और बहुराष्ट्रीय कंपनियां निवेश कर रही हैं। ये कारक इस क्षेत्र को काम और जीवनयापन के लिए उपयुक्त स्थान बना रहे हैं।
निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स में बढ़ा विश्वास
दिनेश गुप्ता, क्रेडाई पश्चिमी यूपी के सचिव ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि रियल एस्टेट परियोजना में फंड की उपलब्धता और उसका उचित रख-रखाव निर्माण पूरा कराने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। रेरा एक्ट के आने से घर खरीदारों में निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स के लिए विश्वास बढ़ा हैं क्योकि प्रोजेक्ट के लिए प्राप्त फंड के रख रखाव और उसके निगरानी की व्यवस्था कर दी गयी है तथा निर्माण पूरा करने के पैमाने निर्धारित कर दिए गए है। इसके अतिरक्त वित्तीय संस्थानों एवं स्वयं प्रोमोटर्स द्वारा निर्माण और कब्जे के लिए प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अच्छा रिस्पॉन्स
निराला वर्ल्ड के सीएमडी श्री सुरेश गर्ग कहते हैं कि भवन निर्माण की उन्नत तकनीकों को अपनाकर हमने समय से पहले अपने अगले चरण पूरे कर लिए है। निर्माण की गुणवत्ता और गति को देखते हुए, हमें खरीदारों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी, जिसके परिणामस्वरूप बिक्री संख्या अच्छी रही और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आगामी आवासीय परियोजना के लिए कंपनी के प्रति काफी उत्साह था।
सरकार की नीतियों और सख्त नियमों से भरोसा जगा
आरजी ग्रुप के निदेशक, हिमांशु गर्ग के मुताबिक सरकारी नीतियां उन प्रमोटरों के लिए काफी उत्साहजनक रही हैं जो वास्तव में घर खरीदारों का विश्वास फिर से हासिल करना चाहते हैं। कई प्रमोटरों ने प्राधिकरण की मांग का अनुपालन किया है और जल्द ही हम नए चरण और परियोजनाएं शुरू करेंगे। हमने लक्जरी घरों में आकार के लिए एक असाधारण मांग देखी है क्योंकि यह खरीदारों को बजट के भीतर 3 बीएचके खरीदने की अनुमति देता है जो संशोधित सरकार की नीतियों और सख्त नियमों के कारण निर्माणाधीन संपत्तियों के बारे में विश्वास का प्रतीक है।
इरोज ग्रुप के निदेशक अवनीश सूद कहते हैं कि शुरुआत से ही हम अधिकारिक दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं और विश्वास के प्रतीक के रूप में हमने संपूर्णम के अपने अंतिम चरण को पूरा कर लिया है। इसके अलावा, हमारे आकार और लागत के कारण हमें हमारे नए लॉन्च किए गए संपूर्णम 3 को अद्भुत प्रतिक्रिया मिली। स्थान और सुविधाओं के अलावा, हमारी नवीनतम निर्माण तकनीक और कम ऊंचाई वाली संरचना हमें परियोजना को समय से पहले या समय पर पूरा करने में मदद करती है। रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर मिलते ही हमने महज 2 दिन में 200 करोड़ की बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया। कंपनी ने चरण 3 के 5 टावरों में 400 करोड़ का निवेश किया था और चरण 3 में कुल 726 में से 318 इकाइयों का विकास किया जाएगा।
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