Flipkart Valuation Drop: फ्लिपकार्ट की दो साल में 41,000 करोड़ रुपये घटी, जानें अब कितनी हुई

Flipkart valuation Drop in Hindi Today: फ्लिपकार्ट में वॉलमार्ट के इक्विटी ढांचे में बदलाव के अनुसार, ई-कॉमर्स कंपनी का मूल्यांकन 31 जनवरी, 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में 40 अरब डॉलर था, जो 31 जनवरी, 2024 को घटकर 35 अरब डॉलर रह गया। फ्लिपकार्ट ने मूल्यांकन में गिरावट की वजह वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी फोनपे को अलग कंपनी के रूप में विभाजित करने को बताया है।

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Flipkart Valuation Drop: ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट का मूल्यांकन दो साल में पांच अरब अमेरिकी डॉलर या लगभग 41,000 करोड़ रुपये घट गया है। इसकी अमेरिकी स्थित मूल कंपनी वॉलमार्ट के इक्विटी लेनदेन से यह जानकारी मिली है। फ्लिपकार्ट में वॉलमार्ट के इक्विटी ढांचे में बदलाव के अनुसार, ई-कॉमर्स कंपनी का मूल्यांकन 31 जनवरी, 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में 40 अरब डॉलर था, जो 31 जनवरी, 2024 को घटकर 35 अरब डॉलर रह गया। फ्लिपकार्ट ने मूल्यांकन में गिरावट की वजह वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी फोनपे को अलग कंपनी के रूप में विभाजित करने को बताया है। सूत्रों का हालांकि कहना है कि फ्लिपकार्ट का मौजूदा मूल्यांकन 38-40 अरब डॉलर के बीच है।

वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में बेची थी हिस्सेदारी

वॉलमार्ट ने वित्त वर्ष 2021-22 में फ्लिपकार्ट में आठ प्रतिशत हिस्सेदारी को 3.2 अरब डॉलर में बेचा था। इस हिसाब से ई-कॉमर्स कंपनी का मूल्यांकन 40 अरब डॉलर बैठता है। वित्त वर्ष 2023-24 में अमेरिकी खुदरा क्षेत्र की दिग्गज ने 3.5 अरब डॉलर का भुगतान कर कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 10 प्रतिशत बढ़ाकर 85 प्रतिशत कर दी। इसके आधार पर फ्लिपकार्ट का उद्यम मूल्य 35 अरब डॉलर बैठता है।

फोनपे को अलग करने का काम 2023 में पूरा हुआ

हालांकि, फ्लिपकार्ट ने वॉलमार्ट की रिपोर्ट के अनुसार मूल्यांकन में दिखाई गई कमी को खारिज करते हुए कहा है कि यह कंपनी के मूल्यांकन में ‘उचित समायोजन’ की वजह से है। फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह व्याख्या गलत है। फोनपे को अलग करने का काम 2023 में पूरा हुआ था। इससे फ्लिपकार्ट के मूल्यांकन में उचित समायोजन हुआ। फ्लिपकार्ट के सूत्रों ने कहा कि उद्यम का मूल्यांकन आखिरी बार 2021 में किया गया था और उस समय ई-कॉमर्स कंपनी के कुल मूल्य में फिनटेक फर्म फोनपे का मूल्यांकन भी शामिल था।

फोनपे का मूल्यांकन निवेशकों के समूह जनरल अटलांटिक, टाइगर ग्लोबल, रिबिट कैपिटल और टीवीएस कैपिटल फंड्स आदि से 85 करोड़ डॉलर जुटाने के बाद अब 12 अरब डॉलर हो गया है।

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