100000 करोड़ से ज्यादा अनक्लेम्ड डिपॉजिट, बैंक-फाइनेंस कंपनियों को जल्द निपटाने का निर्देश
FM Nirmala Sitharaman On Unclaimed Deposit: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोगों को बिना दावों वाली राशि की खोज और दावा करने में मदद करने के लिए एक केंद्रीकृत वेब पोर्टल यूडीजीएएम की 17 अगस्त को शुरुआत की है। जहां पर कोई व्यक्ति बिना दावे वाली राशि के बारे में ऑनलाइन पता लगा सकता है।
उदगम पोर्टल से मिलेगा पैसा
FM Nirmala Sitharaman On Unclaimed Deposit:देश में करीब एक लाख करोड़ रुपया बैंक और फाइनेंस कंपनियों में बिना दावों (Unclaimed Deposit) के पड़ा हुआ है। यानी इतनी बड़ी रकम का फिहाल कोई वारिस नही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मामलों को निपटाने में देरी को देखते हुए बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को नसीहत दी है कि वह ऐसे बिना दावों वाली राशि के नॉमिनी की पहचान करें, जिससे कि दावे वाली जमाओं को जल्द से जल्द निपटाया जा सके। रिपोर्ट के अनुसार बैंकिंग प्रणाली में 35,000 करोड़ रुपये से अधिक ऐसी राशि है जिसके दावेदार नहीं हैं, जबकि जबकि ऐसी कुल राशि एक लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है।
वित्त मंत्री ने क्या दी नसीहत
मंगलवार को सीतारमण ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) में कहा कि मैं चाहती हूं कि बैंकिंग प्रणाली, वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र (सहित) म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार... हर कोई यह ध्यान रखे कि जब कोई अपने (ग्राहक के) पैसे का लेनदेन करता है, तो संगठनों को भविष्य के बारे में सोचना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि वे (ग्राहक) अपने ‘वारिस’ को नामित करें, उनका नाम और पता दें।एक रिपोर्ट के अनुसार, केवल बैंकिंग प्रणाली में 35,000 करोड़ रुपये से अधिक ऐसी राशि है जिसके दावेदार नहीं हैं, जबकि जबकि ऐेसी कुल राशि एक लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है।
UDGAM पोर्टल लांच
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोगों को बिना दावों वाली राशि की खोज और दावा करने में मदद करने के लिए एक केंद्रीकृत वेब पोर्टल यूडीजीएएम की 17 अगस्त को शुरुआत की है। जहां पर कोई व्यक्ति बिना दावे वाली राशि के बारे में ऑनलाइन पता लगा सकता है। इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि जिम्मेदार फाइनेंशियल इकोसिस्टम का निर्माण करना आवश्यक है और एक भी लापरवाही नुकसान का कारण बन सकती है, जिससे भरोसे की कमी हो सकती है और वित्तीय दुनिया में संकट पैदा हो सकता है।
DMAT खाते 2.5 गुना बढ़े
वित्त मंत्री ने कहा कि डीमैट खातों की संख्या 2019-20 में 4.1 करोड़ से 2.5 गुना होकर 2022-23 में 10 करोड़ हो गई है। आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़ने पर उन्होंने कहा कि अगस्त के आंकड़े संकेत देते हैं कि अर्थव्यवस्था अब वास्तव में व्यापक रूप से संगठित हो रही है यह कई अलग-अलग क्षेत्रों तक पहुंच बना रही है। ऋण सुविधाएं, सामाजिक सुरक्षा, पेंशन, बीमा, इन सभी तक पहुंच बन रही है।
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