Silver Target 2025: सोने के बजाय चांदी पर करें फोकस, 15% बढ़ सकते हैं दाम, अभी दांव लगाने पर होगी कमाई

Silver Outlook 2025: सोने ने जबरदस्त तेजी के साथ सुर्खियाँ बटोरी हैं। इसका दाम पहली बार 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गया है। लेकिन जहाँ एक तरफ निवेशक सोने की ओर भाग रहे हैं, वहीं कई जानकारों का मानना है कि साल 2025 की असली चांदी हो सकती है।

Silver Outlook 2025

चांदी पर दांव लगाने की सलाह

मुख्य बातें
  • चांदी पर दांव लगाने की सलाह
  • सोने में करें प्रॉफिट बुकिंग
  • अभी दांव लगाना होगा फायदेमंद

Silver Outlook 2025: सोने ने जबरदस्त तेजी के साथ सुर्खियाँ बटोरी हैं। इसका दाम पहली बार 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गया है। लेकिन जहाँ एक तरफ निवेशक सोने की ओर भाग रहे हैं, वहीं कई जानकारों का मानना है कि साल 2025 की असली चांदी हो सकती है। हाल के महीनों में चांदी ने सोने को पीछे छोड़ दिया है और इसकी कीमत रिकॉर्ड 1.01 लाख रुपये प्रति किलोग्राम या 10,100 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है। चांदी की पहचान तरह से होती है। पहली कीमती धातु और दूसरी औद्योगिक लेवल पर इसकी डिमांड के मद्देनजर एक यूजफुल कमोडिटी। अगर चांदी की डिमांड बढ़ी तो वाकई ये सोने को पीछे छोड़ सकती है। आइए जानते हैं ये अनुमान क्यों लगाया जा रहा है।

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चांदी का रहा साल 2024

एक्सपर्ट्स के अनुसार चांदी हमेशा से सोने के मुकाबले कमजोर रही है, लेकिन अब इसमें बदलाव आ रहा है। दरअसल सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन और इलेक्ट्रॉनिक्स में इसकी इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ रही है। साल 2024 में चांदी का भाव 34% बढ़ा, जो सोने की 26% की उछाल से अधिक है।

साल 2020 में भी ऐसा ही पैटर्न देखने को मिला था, जब कोराना महामारी के दौरान चांदी की कीमत में 63% की उछाल आई, जिसने सोने की बढ़त को पीछे छोड़ दिया था।

कम सप्लाई से चांदी को फायदा

पिछले 4 सालों से लगातार चांदी की सप्लाई कम रही है। 2024 में ही 200 मिलियन औंस या लगभग 5,670 टन की कमी रही। सिल्वर इंस्टीट्यूट के अनुसार, हाल के सालों में यह सबसे बड़ी कमी रही। साल 2025 में औद्योगिक मांग 700 मिलियन औंस (19,845 टन) से अधिक हो सकती है, जिसे क्लीन एनर्जी, एआई और सेमीकंडक्टर जैसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों से सपोर्ट मिलेगा।

जानकार मानते हैं कि यह मांग जल्द ही कम होने वाली नहीं है।

सोने में से निकालें पैसा और चांदी में लगाएं

जानकारों के अनुसार मॉनेटरी फैक्टर्स भी चांदी के फेवर में हैं। कम ब्याज दरें, मुद्रास्फीति की चिंता और कमजोर डॉलर कीमती धातुओं को सपोर्ट करते हैं। हालांकि सोने को इन कारकों से भी लाभ मिलता है, लेकिन चांदी की कम कीमत और औद्योगिक उपयोग इसे बढ़त देते हैं।

जानकार इस समय निवेशकों को सोने में मुनाफावसूली करने और चांदी में निवेश करने की सलाह दे रहे हैं। अगले छह से सात महीनों में चांदी के रेट 10-15% की तेजी की उम्मीद जताई गयी है।

गोल्ड-सिल्वर रेशियो कितना

गोल्ड-सिल्वर रेशियो (जीएसआर) इस समय लगभग 89 पर बना हुआ है। ये मापता है कि एक औंस सोना खरीदने के लिए कितने औंस चांदी की आवश्यकता होती है। एक हाई जीएसआर संकेत देता है कि चांदी सोने के मुकाबले सस्ती है। यानी चांदी में तेज उछाल देखने को मिल सकता है।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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