Forbes Billionaires List : कौन हैं निखिल कामत, जो केवल 36 साल में बने अरबपति, उधार से की थी शुरुआत
फोर्ब्स की अरबपतियों की लिस्ट में जेरोधा के फाउंडर्स निखिल कामत और नितिन कामत को भी जगह मिली है। वे इस खास लिस्ट में शामिल होने वाले नये अमीर हैं। इनमें निखिल कामत सबसे कम आयु के अरबपति बने हैं।
निखिल कामत बने सबसे कम आयु के अरबपति
- निखिल कामत बने सबसे कम आयु के अरबपति
- 2.7 अरब डॉलर है निखिल की नेटवर्थ
- 2010 में शुरू की थी ब्रोकिंज फर्म जेरोधा
Nikhil Kamath : फोर्ब्स ने दुनिया के सबसे अमीर अरबपतियों की 2023 की लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में 16 नये भारतीय जगह बनाने में कामयाब रहे हैं। लिस्ट के सबसे अमीर भारतीयों में पहले नंबर पर रहे मुकेश अंबानी, जिनकी दौलत 83.4 अरब डॉलर बताई गयी है। पर इस लिस्ट में एक नाम बेहद खास रहा। ये नाम है स्टॉक ब्रोकिंग फर्म जेरोधा के फाउंडर निखिल कामत (Nikhil Kamath) का। दरअसल निखिल कामत फोर्ब्स की लिस्ट में सबसे कम आयु के अरबपति बनकर उभरे हैं।
2010 में शुरू की जेरोधा
नितिन ने अपने बड़े भाई निखिल कामत के साथ 2010 में जेरोधा की शुरुआत की थी। नितिन जेरोधा के सीईओ भी हैं। दरअसल एक ट्रेडर के रूप में नितिन के सामने कई दिक्कतें आती थीं, जिन्हें दूर करने के लिए उन्होंने 13 साल पहले जेरोधा की शुरुआत की। नितिन सेबी सेकेंडरी मार्केट एडवाइजरी कमेटी (SMAC) और मार्केट डेटा एडवाइजरी कमेटी (MDAC) के सदस्य हैं। जेरोधा में निखिल के बड़े भाई नितिन की भी अहम भूमिका है। वह जेरोधा में फाइनेंशियल प्लानिंग के हेड हैं।
कितनी है संपत्ति (Nikhil Kamath Assets)
बात करें नितिन कामत की संपत्ति की तो फोर्ब्स की रिपोर्ट में उनकी दौलत 2.7 अरब डॉलर बताई गयी है। जबकि उनके बड़े भाई की संपत्ति 1.1 अरब डॉलर है। नितिन कामत के पर्सनल ब्लॉग के अनुसार जेरोधा ट्रेडर्स और इंवेस्टर्स के लिए बेस्ट टूल्स और सर्विसेज तैयार करने पर खास ध्यान देती है। स्कूल में, निखिल औसत से नीचे के छात्र थे। 17 साल की उम्र में किस्मत से उनका सामना ट्रेडिंग और मार्केट से हो गया। अपने ट्रेडिंग सफर के दौरान उन्होंने तेजी और गिरावट दोनों का अनुभव किया।
उधार लेकर की ट्रेडिंग
एक समय निखिल ने उधार लेकर ट्रेडिंग की, पर इसमें उन्हें कामयाबी नहीं मिली। फिर कुछ समय बाद उन्हें उनके ऑफिस की एक महिला ने अपना पोर्टफोलियो मैनेज करने को कहा, जिसके बाद उन्होंने अपनी जॉब छोड़ दी। फिर 2010 में उनके पास इतना पैसा आ गया कि वे जेरोधा की शुरुआत कर सकें। जेरोधा दो शब्दों से मिलकर बना है। जीरो और रोधा। जीरो यानी शून्य और रोधा (जो कि संस्कृत का शब्द है) का मतलब है अड़चन। ट्रेडर्स की अड़चन को दूर करने के लिए ही निखिल ने जेरोधा की शुरुआत की थी।
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