FPI Investment: विदेशी निवेशक लौट रहे भारत, 6 दिनों में किया 31000 करोड़ का निवेश

FPI Investment in India: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मुख्य रूप से आकर्षक वैल्यूएशन, रुपये में मजबूती और मैक्रोइकोनॉमिक इंडिकेटर्स में सुधार के चलते चालू महीने के आखिरी छह कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 31,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के एक बार फिर खरीदार बनने से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में करीब छह प्रतिशत का सुधार हुआ है।

FPI returning to India

विदेशी निवेशक लौट रहे भारत

मुख्य बातें
  • विदेशी निवेशक लौट रहे भारत
  • 6 दिन में किया 31000 करोड़ का निवेश
  • मार्च में निकाले 3,973 करोड़ रुपये

FPI Investment in India: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मुख्य रूप से आकर्षक वैल्यूएशन, रुपये में मजबूती और मैक्रोइकोनॉमिक इंडिकेटर्स में सुधार के चलते चालू महीने के आखिरी छह कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 31,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के एक बार फिर खरीदार बनने से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में करीब छह प्रतिशत का सुधार हुआ है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस ताजा निवेश के बाद मार्च महीने में एफपीआई की तरफ से हुई बिकवाली घटकर 3,973 करोड़ रुपये रह गई। इससे पहले एफपीआई ने फरवरी में शेयरों से 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये निकाले थे।

ये भी पढ़ें -

Upcoming IPO: प्राइमरी मार्केट में सुस्ती ! अगले हफ्ते नहीं आएगा कोई नया IPO, मगर इन 3 इश्यू में कर सकेंगे निवेश

मार्च में निकाले 3973 करोड़ रु

जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘आगे बढ़ते हुए, एफपीआई फ्लो का रुझान मुख्य रूप से दो अप्रैल से लागू होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी शुल्क पर निर्भर करेगा। यदि ये शुल्क बहुत प्रतिकूल नहीं होता है, तो उनका निवेश फ्लो जारी रह सकता है।’’

आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने मार्च में भारतीय शेयर बाजार से 3,973 करोड़ रुपये निकाले हैं। हालांकि, पिछले छह कारोबारी सत्रों (21 मार्च से 28 मार्च तक) में उन्होंने शेयरों में 30,927 करोड़ रुपये डाले।

एफपीआई का रुझान क्यों बढ़ा भारत की तरफ

विजयकुमार ने कहा कि लगातार बिकवाली के बाद मामूली खरीदारी तक एफपीआई की रणनीति में यह बदलाव कई कारकों के कारण आया है। इनमें सितंबर 2024 से जो 16 प्रतिशत का ‘करेक्शन’ हुआ है उससे वैल्यूएशन काफी आकर्षक हो गया है।

इसके अलावा रुपये में हाल में मजबूती आई है और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि, औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े भी अनुकूल संकेत दे रहे हैं, जिससे भारतीय बाजार के प्रति एफपीआई का आकर्षण फिर बढ़ रहा है।

भारत का आर्थिक मोर्चे पर मजबूत प्रदर्शन

बीडीओ इंडिया के भागीदार और लीडर (एफएस टैक्स, टैक्स एंड रेगुलेटरी सर्विसेज) मनोज पुरोहित ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने निदेशक मंडल की बैठक में एफपीआई कम्युनिटी के मामले में कुछ प्रमुख घोषणाएं की हैं, जिससे वे यहां निवेश को लेकर उत्साहित हुए हैं।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि कई फैक्टर हैं जिनकी वजह से एफपीआई के रुख में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि एफपीआई के हालिया निवेश की वजह भारत का आर्थिक मोर्चे पर मजबूत प्रदर्शन और निवेशकों का भरोसा है। (इनपुट - भाषा)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। बिजनेस (Business News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited