Srikanth Bolla: नेत्रहीन होने के चलते लोगों ने नकारा, IIT का सपना भी छूटा, फिर ऐसे बने 50 करोड़ रु के मालिक

Srikanth Bolla Success Story: अपने गृह राज्य के एक कानून के कारण श्रीकांत के स्कूल ने उन्हें साइंस और गणित नहीं पढ़ने दी। कानून के तहत नेत्रहीन छात्रों के लिए डायग्राम और ग्राफ़ के साथ काम करना चुनौतीपूर्ण होगा। उन्हें आर्ट्स, भाषा, साहित्य और सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई करने की सलाह दी गई।

Srikanth Bolla Success Story

श्रीकांत बोल्ला की सफलता की कहानी

मुख्य बातें
  • नेत्रहीन श्रीकांत बोल्ला हैं बोलैंट इंडस्ट्रीज के CEO
  • बनाई 50 करोड़ रु मालिक की दौलत
  • छूट गया था IIT का सपना

Srikanth Bolla Success Story: आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम जिले के सीतारामपुरम में एक चावल किसान परिवार में पैदा हुए जन्मजात नेत्रहीन श्रीकांत बोल्ला के माता-पिता को उनसे छुटकारा पाने की सलाह दी गई थी। उनके कुछ रिश्तेदारों को लगा कि बुढ़ापे में श्रीकांत माता-पिता के 'किसी काम नहीं' आएगा। लेकिन श्रीकांत की किस्मत में कुछ और ही लिखा था। उन्होंने अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से बिजनेस मैनेजमेंट साइस की पढ़ाई की। श्रीकांत वहां 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता के साथ एडमिशन पाने वाले पहले इंटरनेशनल दृष्टिबाधित छात्र बने। वे IIT में एडमिशन लेना चाहते थे, मगर नहीं ले सके। जानिए क्या थी वजह और कैसे श्रीकांत एक कंपनी के सीईओ बने।

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स्कूलों ने दिया नकार

अपने गृह राज्य के एक कानून के कारण श्रीकांत के स्कूल ने उन्हें साइंस और गणित नहीं पढ़ने दी। कानून के तहत नेत्रहीन छात्रों के लिए डायग्राम और ग्राफ़ के साथ काम करना चुनौतीपूर्ण होगा। उन्हें आर्ट्स, भाषा, साहित्य और सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई करने की सलाह दी गई।

निराश श्रीकांत एक शिक्षक की मदद से अदालत में पहुंचे और जीत भी गए। अदालत ने फैसला सुनाया कि नेत्रहीन छात्र आंध्र प्रदेश के सभी स्टेट बोर्ड स्कूलों में विज्ञान और गणित की पढ़ाई कर सकते हैं।

IIT में नहीं मिल सका एडमिशन

98% नंबर मिलने के बाद श्रीकांत ने भारत के सबसे बेहतर इंजीनियरिंग कॉलेजों IIT के लिए आवेदन करने का फैसला किया। लेकिन जिन कोचिंग स्कूलों से उन्होंने संपर्क किया उनसे श्रीकांत को निगेटिव रेस्पॉन्स मिला।

बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में श्रीकांत ने बताया कि टॉप कोचिंग इंस्टिट्यूशंस ने कहा कि इसका कोर्स का बोझ उनके लिए एक छोटे पौधे पर बारिश होने जैसा होगा। श्रीकांत के मुताबिक अगर IIT मुझे नहीं चाहता था, तो मैं भी आईआईटी को नहीं चाहता था। उन्हें आईआईटी का ख्वाब छोड़ दिया।

अमेरिका में मिला एडमिशन

श्रीकांत ने IIT के बजाय अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में आवेदन किया और कैंब्रिज, मैसाचुसेट्स में एमआईटी में दाखिला लेकर पांच ऑफिर हासिल किए। अपने स्कूल में पीटी कक्षा में नजरअंदाज किए जाने का करारा जवाब देते हुए श्रीकांत ने क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व किया और राष्ट्रीय स्तर पर शतरंज भी खेला।

शुरू की खुद की कंपनी

श्रीकांत 2012 में बोलैंट इंडस्ट्रीज शुरू करने के लिए हैदराबाद लौट आए। बोलैंट के चार प्रोडक्शन प्लांट हैं। इनमें एक-एक हुबली (कर्नाटक) और निज़ामाबाद (तेलंगाना) में, और दो हैदराबाद (तेलंगाना) में हैं। श्रीकांत को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की यंग ग्लोबल लीडर्स 2021 सूची में भी शामिल किया गया था।

जीवन पर बन रही है फिल्म

32 वर्षीय श्रीकांत बोलैंट इंडस्ट्रीज के सीईओ हैं, जो ईको फ्रेंडली, डिस्पोजेबल कंज्यूमर पैकेजिंग सॉल्यूशन बनाती है, जिसमें रतन टाटा की भी हिस्सेदारी है। श्रीकांत की प्रेरणादायक कहानी 10 मई को फिल्म के रूप में सामने आ रही है। इस फिल्म में श्रीकांत का रोल राजकुमार राव निभाएंगे।

श्रीकांत अपने एक वचन पर कायम हैं कि अगर "दुनिया मेरी ओर देखती है और कहती है, 'श्रीकांत, तुम कुछ नहीं कर सकते,' तो मैं दुनिया की ओर देखता हूं और कहता हूं कि मैं कुछ भी कर सकता हूं।" रिपोर्ट्स के अनुसार Srikanth Bolla की नेटवर्थ 50 करोड़ रु है।

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काशिद हुसैन author

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