FPI In Share Market: शेयर बाजार पर फिदा हैं FPI निवेशक, एक साल में 65000 करोड़ का निवेश

FPI Investment In Share Market: एफपीआई निवेश बढ़ने की वजह आर्थिक सुधारों को जारी रखने की उम्मीद, चीन की अर्थव्यवस्था का गिरना, इसके अलावा कुछ ब्लॉक डील का होना है।

FPI Investment

एफपीआई निवेश

FPI Investment In Share Market:बीते एक साल में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयर बाजार में जमकर पैसा लगाया है। FPI ने भारतीय बाजार में बीते 12 महीने (अगस्त 2023 से अगस्त 2024 अब तक) करीब 64,824 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस दौरान एफपीआई ने बीते एक साल में 1,82,965 करोड़ रुपये की खरीदारी की और 1,18,141 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। हालांकि अगस्त में निवेश की जगह बिकवाली का ज्यादा माहौल दिख रहा है। 14 अगस्त तक 18,824 करोड़ रुपये निकाले हैं। हालांकि, इस दौरान डेट मार्केट में 8,624 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।

क्यों भारत में FPI कर रहे निवेश

नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के डेटा के मुताबिक, अब तक अगस्त में एफपीआई का रुख बिकवाली का रहा है। विदेशी निवेशकों ने इक्विटी से 14 अगस्त तक 18,824 करोड़ रुपये निकाले हैं। हालांकि, इस दौरान डेट मार्केट में 8,624 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।

विदेशी निवेशकों की ओर से अन्य बाजारों की तुलना में भारतीय बाजार में निवेश के कई कारण हैं। जानकारों का कहना है कि अच्छी विकास दर, स्थिर सरकार, महंगाई में कमी आना, सरकार द्वारा वित्तीय अनुशासन रखना और भारत को कैपिटल मार्केट का हब बनाने की कोशिश करना शेयर बाजार में विदेशी निवेश बढ़ने की प्रमुख वजहें हैं।

भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी। वित्त वर्ष 2024-25 में इसके 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। भारत में महंगाई दर में भी लगातार कमी आ रही है। जुलाई में खुदरा महंगाई दर 3.54 प्रतिशत रही, जो कि जून में 5.08 प्रतिशत थी।

बड़े सुधार की उम्मीद

मोजोपीएमएस के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर, सुनील दमानिया का कहना है कि एफपीआई निवेश बढ़ने के पीछे कई कारण हैं। पहला, सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस कार्यकाल में भी सुधारों को जारी रखा जाएगा। दूसरा, चीन की अर्थव्यवस्था का गिरना, जिसका अंदाजा आप कॉपर की कीमतों से लगा सकते हैं, जो कि पिछले महीने 12 प्रतिशत कम हुई। तीसरा, एफपीआई की ओर से कुछ ब्लॉक डील का भी की गई हैं।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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