FPI Investment: भारतीय बाजार पर बढ़ा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का भरोसा ! दिसंबर में अब तक लगाए 2,17,89,00,00,000 रु

FPI Investment In India: दिसंबर में एफपीआई का रुख सकारात्मक बना हुआ। उन्होंने अभी तक महीने के दौरान भारतीय शेयर बाजार में 21,789 करोड़ रुपये डाले हैं।

FPI Investment In India

दिसंबर में FPI कर रहे निवेश

मुख्य बातें
  • FPI लौटे भारत
  • दिसंबर में कर रहे निवेश
  • अब तक डाले 21,789 करोड़ रु

FPI Investment In India: लगातार दो सप्ताह तक खरीदार रहने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजारों से 976 करोड़ रुपये निकाले। मजबूत डॉलर और 10 साल के यूएस बॉन्ड पर यील्ड बढ़ने से निवेशकों का मन बदल गया। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सप्ताह की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ की। पहले दो कारोबारी सत्रों (16-20 दिसंबर) के दौरान उन्होंने शेयरों में 3,126 करोड़ रुपये का निवेश किया। हालांकि, बाद में उनके रुख में बदलाव आया और उन्होंने तीन सत्रों में 4,102 करोड़ रुपये से अधिक की बिकवाली की। इस तरह सप्ताह के दौरान उन्होंने शुद्ध रूप से 976 करोड़ रुपये की बिकवाली की। हालांकि, इसके बावजूद दिसंबर में एफपीआई का रुख सकारात्मक बना हुआ और उन्होंने अभी तक महीने के दौरान भारतीय शेयर बाजार में 21,789 करोड़ रुपये डाले हैं।

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सतर्क रुख अपना रहे

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक, प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक और भविष्य की नीतिगत समीक्षा के नतीजों को लेकर अनिश्चितता के बीच एफपीआई सतर्क रुख अपना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि फेडरल रिजर्व ने इस साल तीसरी बार ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है, लेकिन उसने भविष्य में दरों में कम कटौती का संकेत दिया है, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई और वैश्विक बाजार में बिकवाली शुरू हो गई।

डॉलर इंडेक्स में मजबूती

हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इसके अलावा हाई वैल्यूएशन, कंपनियों के सितंबर तिमाही के कमजोर नतीजों, दिसंबर के नतीजे कमजोर रहने के अनुमान, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि की सुस्त रफ्तार और रुपये में गिरावट से विदेशी निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि डॉलर इंडेक्स में मजबूती और 10 साल के बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने की वजह से एफपीआई बिकवाली कर रहे हैं।

दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद के अनुरूप नहीं

विजयकुमार ने कहा कि भारत से संबंधित मुद्दे मसलन वृद्धि को लेकर चिंता और कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने की वजह से भी एफपीआई की धारणा प्रभावित हुई है।

इससे पहले नवंबर में एफपीआई ने 21,612 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 94,017 करोड़ रुपये की भारी निकासी की थी।

सितंबर में एफपीआई का निवेश

दिलचस्प बात यह है कि सितंबर में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में 57,724 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था, जो नौ माह का उच्चस्तर है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024 में अब तक एफपीआई का भारतीय शेयर बाजारों में निवेश 6,770 करोड़ रुपये रहा है। (इनपुट - भाषा)

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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