सरकार ने पहली बार बनाया ऐसा नियम, अब किसी को नहीं मिलेगा मिलावट वाला चावल!

Basmati Chawal: एक प्रीमियम गुणवत्ता वाला चावल होने और गैर-बासमती किस्मों की तुलना में अधिक कीमत होने की वजह से बासमती चावल में काफी मिलावट की जाती है।

सरकार ने पहली बार बनाया ऐसा नियम, अब किसी को नहीं मिलेगा मिलावट वाला चावल!

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को देश में बिकने वाले बासमती चावल (Basmati Chawal) पर बड़ा फैसला लिया है। केंद्र ने कहा कि भारत में पहली बार भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने बासमती चावल के लिए व्यापक नियामक मानकों को नोटिफाई किया है, जो कि 1 अगस्त 2023 से लागू होगा। नए मानकों के मुताबिक, बासमती चावल की प्राकृतिक सुगंध विशेषता होनी चाहिए और आर्टिफिशियल कलरिंग, पॉलिशिंग एजेंट और आर्टिफिशियल फ्रेगनेंस से मुक्त होने चाहिए।

क्या होगा इसका फायदा?

आगे भारत सरकार ने एक बयान में जानकारी दी कि इन मानकों का उद्देश्य बासमती चावल के व्यापार में उचित व्यवहार स्थापित करना है और साथ ही घरेलू और वैश्विक स्तर पर उपभोक्ता के हितों की रक्षा करना है। देश में पहली बार एफएसएसएआई ने बासमती चावल (ब्राउन बासमती चावल, मिल्ड बासमती चावल, उसना भूरा बासमती चावल और मिल्ड उसना बासमती चावल सहित) के लिए पहचान मानकों को निर्दिष्ट किया है।

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