Electoral Bond: इलेक्टोरल बांड से इन अरबपतियों ने दिया जमकर चंदा, ED एक्शन के बीच 2 कंपनियों ने सबसे ज्यादा लगाया पैसा
Electoral Bond: फ्यूचर गेमिंग की मार्च 2022 में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की गई थी। इसने दो अलग-अलग कंपनियों के तहत 1,350 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉण्ड खरीदे। कई बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के अनुबंध हासिल करने वाली हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग ने 966 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे। मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड Olectra Greentech की प्रमोटर्स है।
इलेक्टोरल बांड में किन कंपनियों ने दिया सबसे ज्यादा पैसा
इनके खिलाफ ईडी की जांच
फ्यूचर गेमिंग की मार्च 2022 में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की गई थी। इसने दो अलग-अलग कंपनियों के तहत 1,350 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉण्ड खरीदे। कई बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के अनुबंध हासिल करने वाली हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग ने 966 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे। मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड Olectra Greentech की प्रमोटर्स है। लेकिन मेघा इंजीनियरिंग शेयर बाजार में लिस्ट नहीं है। जबकि Olectra शेयर बाजार में लिस्टेड है। रिपोर्ट्स के अनुसार अक्टूबर 2019 में आयकर विभाग ने मेघा इंजीनियरिंग के दफ्तरों पर छापेमारी की थी। इसके बाद ईडी की ओर से भी जांच शुरू की गई.
इन कॉरपोरेट्स ने भी दिया जमकर चंदा
जाने-माने कॉरपोरेट्स समूहों में अग्रवाल की वेदांता लिमिटेड ने 398 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे, जबकि सुनील मित्तल की तीन कंपनियों ने मिलकर कुल 246 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे।
स्टील कारोबारी लक्ष्मी निवास मित्तल ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में 35 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे। कई बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के अनुबंध हासिल करने वाली हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग ने 966 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे।
अधिकांश बॉण्ड जहां राजनीतिक दलों के नाम पर जारी किए गए हैं, वहीं कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को दिया गया चंदा ‘अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी’ और ‘अध्यक्ष समाजवादी पार्टी’ के नाम पर दिया गया था।
गाजियाबाद स्थित यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने 162 बॉण्ड खरीदे, जिनमें से ज्यादातर एक करोड़ रुपये के थे।बजाज ऑटो ने 18 करोड़ रुपये, बजाज फाइनेंस ने 20 करोड़ रुपये, इंडिगो की तीन कंपनियों ने 36 करोड़ रुपये, स्पाइसजेट ने 65 लाख रुपये और इंडिगो के राहुल भाटिया ने 20 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे।मुंबई स्थित क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ने 410 करोड़ रुपये और हल्दिया एनर्जी ने 377 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे।
ये प्रमुख कंपनियां शामिल
आयोग द्वारा अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, चुनावी बॉण्ड के खरीदारों में स्पाइसजेट, इंडिगो, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा, वर्धमान टेक्सटाइल्स, जिंदल ग्रुप, फिलिप्स कार्बन ब्लैक लिमिटेड, सीएट टायर्स, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, आईटीसी, केपी एंटरप्राइजेज, सिप्ला और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं।
आंकड़ों के मुताबिक चुनावी बॉण्ड भुनाने वाली पार्टियों में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस, द्रमुक, जेडीएस, राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, जदयू, राजद, आप और समाजवादी पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, बीजद, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जेएमएम, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट और जन सेना पार्टी शामिल है।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2018 से जनवरी 2024 तक 16,518 करोड़ रुपये के कुल 28,030 चुनावी बॉण्ड बेचे गए हैं।उसने कहा कि भाजपा को चुनावी बॉण्ड के माध्यम से 6,566 करोड़ रुपये या 54.77 प्रतिशत का सबसे अधिक योगदान प्राप्त हुआ है, इसके बाद कांग्रेस को 1,123 करोड़ रुपये या 9.37 प्रतिशत, तृणमूल कांग्रेस को 1,092 करोड़ रुपये या 9.11 प्रतिशत का योगदान मिला है।
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