इस कंपनी ने ऐसा डुबाया कि 10 लाख बन गए 20 हजार,कभी कहलाती थी रिटेल बाजार की किंग

फ्यूचर रिटेल का शेयर 7 सालों से कम समय में अपनी 98 फीसदी वैल्यू गंवा चुका है। कंपनी दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही है, जिसके चलते इसका शेयर बीते कुछ सालों में काफी अधिक गिरा है। एक समय ये 634 रु पर था, जबकि आज इसकी वैल्यू 3.11 रु है।

Rise and Fall of Future Retail

फ्यूचर रिटेल के शेयर ने डुबोई 98 फीसदी रकम

मुख्य बातें
  • फ्यूचर रिटेल के शेयर ने निवेशकों को किया बर्बाद
  • शेयर ने गंवाई 98 फीसदी वैल्यू
  • दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही कंपनी

Rise and Fall of Future Retail : कई भारतीय कंपनियां ऐसी रही हैं, जिन्होंने पहले फर्श से अर्श तक का सफर तय किया और बाद में वे दिवालिया हो गईं। इनमें अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की मिसाल सामने है। इसी तरह का सफर फ्यूचर रिटेल का रहा, जो एक वक्त भारत की दूसरी सबसे बड़ी रिटेलर थी, पर आज दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही है।

बिकने को तैयार है फ्यूचर रिटेल

अडानी समूह, रिलायंस इंडस्ट्रीज और जेसी फ्लावर एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड सहित 48 एलिजिबल कंपनियां हैं, जो फ्यूचर रिटेल को खरीदने की दौड़ में हैं। कर्ज में डूबी फ्यूचर रिटेल, रिटेल चेन बिग बाजार की मालिक है।

शेयर ने कर दिया बर्बाद

फ्यूचर रिटेल खुद तो बर्बाद हुई ही, साथ ही निवेशकों को भी बर्बाद कर दिया। बीएसई पर सितंबर 2016 में कंपनी का शेयर 154.38 रु पर था, जो बाद में 634 रु तक गया। पर आज इसकी वैल्यू 3.11 रु है।

अगर सितंबर 2016 के रेट से ही देखें तो फ्यूचर रिटेल का शेयर अपनी 98 फीसदी वैल्यू गंवा चुका है। ऐसे में यदि किसी ने तब इसके शेयरों में 10 लाख रु लगाए होते तो उनकी वैल्यू आज केवल 20 हजार रु होती।

क्यों आ गई बिकने की नौबत

फ्यूचर रिटेल की हालत क्यों खराब हुई, ये एक अहम सवाल है। दरअसल ये बैंकों का लोन चुकाने में डिफॉल्ट हो गई, जिसके बाद बैंकों ने इसे दिवालिया प्रोसेस में घसीटा। इसके अलावा बैंकों ने अमेजन.कॉम इंक की तरफ से कानूनी चुनौती के बीच रिलायंस की लगभग 25,000 करोड़ रुपये की खरीदारी डील को भी खारिज कर दिया।

इससे पहले, एनसीएलटी ने फ्यूचर रिटेल को कंपनी की कॉर्पोरेट दिवाला इंसोल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) की पूरा करने के लिए 90 दिनों का अतिरिक्त समय दिया। लोन चुकाने में डिफॉल्ट होने के बाद 20 जुलाई, 2022 को एनसीएलटी ने कंपनी के खिलाफ सीआईआरपी शुरू किया था।

बिग बाजार की कहानी

2001 में, किशोर बियानी ने बिग बाजार की शुरुआत की थी। उस समय फ्यूचर ग्रुप तेजी से ग्रोथ कर रहा था। 2009 में नेशनल रिटेल फेडरेशन ने बियानी को 'रिटेलर ऑफ द ईयर' का खिताब भी दिया था।

डिस्क्लेमर : इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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